बलिया, 21 मई (हि. स.)। जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय में मंगलवार को योग प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन हुआ। मुख्य अतिथि पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के केंद्रीय प्रभारी स्वामी डाॅ. परमार्थ देव महाराज ने कहा कि भारत की ऋषि परंपरा और ज्ञान परंपरा समस्त विश्व के कल्याण की चेतना से अनुप्राणित है।
उन्होंने कहा कि नयी पीढ़ी को उन आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने होंगे। समता, ममता, नम्रता, क्षमता, कृतज्ञता को जीवन में अपनाना होगा। श्रद्धा, समर्पण, सेवा व स्वाध्याय के लिए जीवन मिला है। विद्यार्थियों को इसे व्यर्थ नहीं करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि जनपद के ख्यातिप्राप्त योग प्रशिक्षक सत्यार्थ प्रकाश तिवारी ने कहा कि संसार में पदार्थ का ऊर्जा में परिवर्तन होता है किंतु योग से ऊर्जा का पदार्थ में निरूपण होता है। योग इंद्रियों की गतिविधियों को नियंत्रित करने का माध्यम प्रदान करता है, इस प्रकार योग निवृत्ति मार्ग में सहायक है। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने कहा कि हमारे यहां ॠषियों की परंपरा रही है।
जिनका ध्यान चेतना को ऊर्ध्वगामी बनाने पर ही संकेंद्रित रहा। हमें उन सबके प्रति कृतज्ञ होना होगा, जिनका किंचित भी योगदान हमारे जीवन में है। इसी से धरा, प्रकृति व समाज के प्रति सम्मान और समर्पण के भाव हमारे अंदर जागेंगे। योग दिवस तक चलने वाले इस शिविर में तनाव, पाचन तंत्र, मानसिक स्वास्थ्य, श्वसन विकार, हृदय रोग, प्रतिरक्षा तंत्र आदि के प्रबंधन के लिए योगाचार्यों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस अवसर पर डाॅ. संध्या, डाॅ. पुष्पा मिश्रा व डाॅ. राजकुमार आदि थे। संचालन डाॅ. प्रमोद शंकर पाण्डेय ने किया।