शिवपुरी, 20 मई (हि.स.)। शिवपुरी कलेक्टर कार्यालय में आग लगने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन तीन आरोपियों के नाम रूप सिंह परिहार, राहुल परिहार और जितेंद्र पाल बताए गए हैं। शिवपुरी पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने शिवपुरी में पत्रकार वार्ता के दौरान यह जानकारी दी है। शिवपुरी पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने बताया कि शिवपुरी कलेक्टर कार्यालय में आग लगाने के मामले में 18 मई को कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज किया गया था। इस मामले की पड़ताल के दौरान जब कलेक्टर कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो दो लोग कलेक्टर कार्यालय में आग लगाते हुए देखे गए। इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद 30 सदस्यीय पुलिस टीम बनाई गई। अज्ञात आरोपियों पर 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया और जांच शुरू की गई।
पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने बताया कि प्रकरण में अभी आरोपियों से पूछता जारी है। तीनों आरोपियों ने पुलिस जांच के दौरान उक्त अपराध करना व घटना करना स्वीकार किया है। शासन की राशि का घपला करने के मामले में रिकवरी के प्रयास में पुलिस जुट गई है। इनके अन्य साथियों को लेकर भी पूछताछ की जा रही है। एसपी ने बताया है कि उक्त प्रकरण में विवेचना और अन्य साक्ष्यों को एकत्रित करने का काम किया जा रहा है। जिसमें भू-अर्जन शाखा से संबंधित दस्तावेजों का मिलान सहित अन्य लोगों की इसमें क्या भूमिका है। इसको लेकर जांच की जा रही है।
दो एफआईआर के बाद पुलिस ने पकड़े आरोपी-
पुलिस ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की थीं। पहली एफआईआर कलेक्टर कार्यालय की शाखा में आग लगाने की और दूसरी एफआईआर भूअर्जन शाखा में घपले की। जिसमें कलेक्टर कार्यालय के अधीक्षक ललित कुमार शर्मा की लिखित शिकायत पर पुलिस ने राकेश कुमार ढोढी तत्कालीन आहरण एवं संवितरण अधिकारी शिवपुरी, दीपक खटीक सहायक ग्रेड- 3 भू अभिलेख शाखा शिवपुरी, रूप सिंह परिहार जल संसाधन विभाग के अलावा रचना, राजपाल, गोमती व सुखवती के खिलाफ कोतवाली थाना पुलिस ने धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत अपराध दर्ज किया गया था।
फर्जीबाड़ा दबाने लगाई आग-
जांच के दौरान जब सीसीटीवी फुटेज देखे गए तो कलेक्टर कार्यालय के मौजूद स्टाफ के द्वारा जो संदिग्ध के फोटो देखे गए हैं उसमें रूप सिंह परिहार और राहुल परिहार होना जैसे व्यक्ति बताया गया। इन फुटेज और सीसीटीवी रिकॉर्डिंग के आधार पर जब और पड़ताल की गई तो सामने आया कि पिछोर में लोउर नदी परियोजना अंतर्गत भू अर्जन मामले में भू-अर्जन शाखा लोअर नदी परियोजना के अंतर्गत प्राइवेट कंपनी मेंटेना में काफी समय से काम कर रहे ऑपरेटर राहुल सिंह परिहार ने शाखा में फर्जीवाड़ा कर बिल लगाकर 6 लाख के भुगतान की जगह पर 26 लाख के फर्जी बिल लगा कर भुगतान हासिल किया। जिस पर पुलिस ने एक अलग से एफआईआर दर्ज की। इस एफआईआर के बाद जब आरोपियों की तलाश की गई तो पुलिस ने एक कड़ी से दूसरी कड़ी मिलाते हुए भूअर्जन शाखा में घपला करने और कलेक्टर कार्यालय में उक्त फाइलों के जलाने के मामले में तीन आरोपियों को पकड़ा है।
20 लाख का घपला दबाने रचा पूरा खेल-
पुलिस ने अपनी जांच के दौरान बताया है कि पिछोर के न्यू कोर्ट रोड निवासी युवक रूप सिंह परिहार जो एक प्राइवेट मेंटेना कंपनी में भू-अर्जन शाखा का काम देखता था। उसके द्वारा बीते दिनों यहां पर भू-अर्जन शाखा में 6 लाख के बिल की जगह 26 लाख का भुगतान कराकर 20 लाख रुपए का घपला किया गया था जिसमें इन फाइलों को जलाने के लिए इसने षड्यंत्र रचा और दो लोगों को अपने साथ शामिल किया। इसके बाद कलेक्टर कार्यालय में जिस शाखा में यह फाइनलें रखी थीं वहां पर पेट्रोल की बोतल ले जाकर यहां पर आग लगाई गई। इसके बाद यह भाग गए। पुलिस ने उक्त तीनों को एक-एक कर विभिन्न स्थानों से पकड़ा है और उनके द्वारा आग लगाने के लिए प्रयुक्त सामग्री को जप्त की गई है।