मतदाता जागरूकता संगोष्ठी : कैसे दूर करें मतदाताओं की उदासीनता


प्रयागराज, 20 मई (हि.स.)। नगर की सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था “आस्था समिति” द्वारा मतदाता जागरूकता अभियान के तहत “कैसे दूर करें मतदाताओं की उदासीनता” संगोष्ठी का आयोजन रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज, राजापुर में किया गया। जिसमें लगातार घटती मतदाताओं की संख्या एवं मतदान के प्रति उदासीनता के कारणों पर चर्चा की गई।

मुख्य अतिथि इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व शासकीय अधिवक्ता शिवकुमार पाल ने कहा कि आज का मतदाता बहुत जागरूक है। वह यह आंकलन करने लगा है इसके पूर्व उसने जिस नेता को अपना वोट दिया था उस नेता ने क्षेत्र के विकास के लिए क्या किया। फिर भी देश में एक स्थिर सरकार बनाने के लिए अपील करता हूं कि मतदाता जागरूक बनें, पर आलसी न बनें। अपने मताधिकार का उपयोग ज़रूर करें।

मुख्य वक्ता ग्लोबल ग्रीस के अध्यक्ष तथा भारत सरकार की अटल भूजल योजना का देश में प्रतिनिधित्व कर रहे संजय पुरुषार्थी ने कहा कि मतदाता तो पूरी ईमानदारी से अपने क्षेत्र के नेता पर पूर्ण विश्वास करके वोट देता है। लेकिन चुनाव बाद बिजली पानी की समस्याओं से जूझना और इसका विरोध करने पर कोई सुनवाई न होना उसके लिए कष्टदायक होता है। शायद यही कष्ट उसको मतदान करने से रोकता है। राष्ट्रहित में हमारा भी यही प्रयास है कि अधिक से अधिक मतदान हो, इस ओर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।

अध्यक्षता कर रहे विद्यालय के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडे ने कहा कि प्रयागराज बुद्धिजीवियों का शहर होने के बाद भी मतदान के मामले में फिसड्डी क्यों होता जा रहा है। लोकतांत्रिक देश के नागरिक होने के नाते हमको भी अपने राष्ट्र के विकास की चिंता है और हम मजबूत राष्ट्र निर्माण के लिए चाहते हैं कि हमारे देश के हर क्षेत्र में शत प्रतिशत मतदान हो। मतदान प्रतिशत कम होने के कारण तलाशने चाहिए। जरूरत है बुद्धिजीवी, राजनेता और प्रशासन एक साथ बैठकर मंथन करें, जो निष्कर्ष निकले उस पर गम्भीरता से कार्य किया जाना चाहिए।

“आस्था समिति” के अध्यक्ष बृजराज तिवारी ने कहा कि राष्ट्रहित में मतदान प्रतिशत बढ़ाने में हम सबका सहयोग भी नितांत जरूरी है। जरूरी यह भी है कि मतदान के प्रति लोगों के कम होते रुझान का कारण भी जाना जाए। संस्था के महासचिव मनोज गुप्ता ने कहा कि मतदाताओं को अपने देश के भविष्य की चिंता तो है पर हमारे नेतागणों पर अपने युवा मतदाताओं के भविष्य की चिंता नहीं है। युवा अपनी समस्याओं से जूझ रहा होता है और जिनको उन्होंने वोट दिया चुनाव बाद वही पहचानने से भी इंकार कर देते हैं। नेताओं की कार्यशैली को बदलने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।

वरिष्ठ संस्कृति कर्मी जमील अहमद ने कहा कि बेहतर यह होगा कि ज़िला प्रशासन मतदाताओं की बुनियादी समस्याओं के निराकरण के लिए सभी उम्मीदवार नेताओं के लिए जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करे। मतदाता तो अपने मताधिकार का उपयोग ईमानदारी से करता है लेकिन जिस पर वह विश्वास जताता है वह ईमानदारी से अपने वायदों, कर्तव्यों का पालन नहीं करते। इन सबके बावजूद यही कहूंगा आपका एक एक मत देश के लिए अमूल्य है जो देश की दिशा और दशा बदल सकता है। इसलिए एक सुंदर राष्ट्र निर्माण के लिए अपने मताधिकार का उपयोग अवश्य करें। गोष्ठी में आए हुए अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का संचालन “आस्था समिति” के महासचिव मनोज गुप्ता ने किया।