हुगली, 19 मई (हि.स.)। कोलकाता के एक निजी अस्पताल ने अस्पताल के बिल नहीं चुकाने पर एक गरीब महिला के शव को घंटों अस्पताल में रोके रखा। घटना की जानकारी के बाद जब रिषड़ा के चेयरमैन विजय सागर मिश्रा मौके पर पहुंचे तो अस्पताल वालों ने शव को अंततः उसके परिजनों के सुपुर्द किया।
दरअसल, रिषड़ा नगरपालिका के सात नंबर वार्ड की निवासी राधिका देवी राम को हार्ट अटैक आने के बाद शनिवार तड़के कोलकाता के बी.पी. पोद्दार अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अस्पताल में भर्ती करवाने के चंद घंटों बाद शनिवार दोपहर राधिका की अस्पताल में ही मौत हो गई।
परिजनों का आरोप है कि राधिका स्वास्थ्य साथी कार्ड के साथ अस्पताल में भर्ती हुई थी। लेकिन इसके बावजूद राधिका में मौत के बाद अस्पताल की ओर से उनके परिजनों को तकरीबन डेढ़ लाख रुपए का बिल थमा दिया गया। सब्जी बेचकर अपना गुजारा करने वाले राधिका के परिजनों के पास अस्पताल का इतना बड़ा बिल देखकर रोने के अलावा कोई उपाय नहीं था। मामले की जानकारी मिलने के बाद रिषड़ा नगरपालिका के चेयरमैन विजय सागर मिश्रा अस्पताल पहुंचे और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद रविवार तड़के अस्पताल में अंततः राधिका के शव को उनके परिजनों के हवाले कर दिया।
मिश्रा ने रविवार को ”हिन्दुस्थान समाचार” के साथ खास बातचीत के दौरान बताया कि अस्पताल का व्यवहार बेहद अमानवीय था। राधिका अस्पताल में सवास्थय साथी कार्ड के साथ भर्ती हुई थीं। इसके बावजूद अस्पताल ने उनके परिजनों को तकरीबन डेढ़ लाख रुपए का बिल थमा दिया। जब राधिका के परिजनों ने बिल का भुगतान करने में असमर्थता जताई तो अस्पताल वालों ने उन्हें शव देने से इंकार कर दिया। यह बेहद अमानवीय था। खबर सुनने के बाद मैं स्वयं अस्पताल गया। साथ ही मैने स्थानीय थाने से तुरंत संपर्क किया। पुलिस तत्कात हरकत में आई और अस्पताल वालों ने शव को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
मिश्रा ने आगे कहा कि रिषड़ा के लोगों ने मुझे चेयरमैन बनाया है। रिषड़ा के लोगों के हर सुविधा और असुविधा में मैं हमेशा उनके साथ हूं।