धमतरी : खरीफ फसल की तैयारी में जुटे किसान, हो रहा खाद का उठाव

धमतरी, 18 मई (हि.स.)। धमतरी जिले में अक्ती तिहार मनाने के बाद खरीफ फसल की तैयारी शुरू हो गई है। किसान व मजदूर खेतों की साफ-सफाई कर रहे हैं। खरपतवार व पराली को जला रहे हैं, ताकि मानसून प्रवेश होते ही खेतों में बोनी कर सके। वहीं खरीफ धान फसल लेने के लिए सोसाइटियों से खाद का उठाव करके घरों में स्टाॅक कर रहे हैं, ताकि वर्षा के बीच किसानों को खाद के लिए भटकना न पड़े और महंगे दामों में खरीदना न पड़े।

धमतरी जिले के चारों ब्लाक में खरीफ फसल की तैयारी शुरू हो गई है। धमतरी शहरी सीमा से लगे ग्राम श्यामतराई, नवागांव, भटगांव, पोटियाडीह, परसतराई, खरतुली, लोहरसी, मुजगहन, कोलियारी, खरेंगा, भानपुरी, खपरी, देमार, अर्जुनी, श्यामतराई समेत अन्य गांवों के किसान व मजदूर खरीफ खेती-किसानी की तैयारी में जुट गए है। सुबह से खेतों के खरपतवार की सफाई कर रहे हैं। मेड़ तैयार कर रहे हैं। खेतों में हल चलाकर बोनी के लायक बना रहे हैं। सुबह से दोपहर तक किसान खेतों में नजर आ रहे हैं। सूखा बोनी के लिए वनांचल समेत मैदानी क्षेत्रों में ट्रेक्टर से जोताई भी कर रहे हैं।

जिले में हर साल की तरह इस साल भी लगभग एक लाख 35 हजार हेक्टेयर रकबा पर किसान धान फसल लेंगे। वहीं बोर सिंचाई सुविधा वाले किसान मई माह के अंतिम सप्ताह में रोपाई के लिए नर्सरी तैयार करने तैयारी में जुट गए हैं। किसान बोता फसल लेने के लिए सोसाइटियों व निजी दुकानों से बीज व खाद की खरीदीकर कर घरों में स्टाॅक कर रहे हैं। सोसायटियों में इस साल किसानों के खरीफ सीजन के धान फसल लिए खाद का पर्याप्त स्टाॅक है।

यूरिया, सुपरफास्फेट, डीएपी, पोटाश और एनपीके खाद की कुल 16246 टन स्टाक में है। जिसमें यूरिया 7682 टन स्टाक है, इसमें से 1460 टन खाद का वितरण किसानों को किया जा चुका है। सुपरफास्फेट 2108 टन में 382 टन, डीएपी 4313 टन में 1181 टन का वितरण सोसाइटियों से किया गया है। पोटाश 901 टन में 113 टन और एनपीके 1242 टन में से 103 टन किसानों को वितरण किया जा चुका है। किसान अपै्रल-मई माह से खाद व बीज का उठाव कर रहे हैं, ताकि समय पर खरीफ धान फसल की तैयारी कर सके।

उपसंचालक कृषि मोनेश कुमार साहू ने बताया कि किसान खरीफ सीजन में धान फसल लेने तैयारी में जुट गए है। जून माह में वर्षा शुरू होने के साथ वनांचल क्षेत्रों में धान फसल की बोआई शुरू हो जाती है। गोदाम में खाद का पर्याप्त स्टाॅक है।