हमीरपुर,18 मई (हि.स.)। हमीरपुर जिले में लोधी बाहुल्य इलाके में मतदान से चंद दिन पहले भाजपा ने पीएम की चुनावी जनसभा कराकर इंडिया गठबंधन और बसपा को तगड़ा झटका दिया है। तपती धूप के बावजूद चुनावी सभा में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ी। ऐन वक्त पर भाजपा ने मास्टर स्ट्रोक लगाकर चुनाव मैदान में सपा और बसपा प्रत्याशियों की चिंताएं बढ़ी दी है। चुनावी रैली के बाद अब यहां संसदीय क्षेत्र में जातीय समीकरण भी तेजी से बदल रहे हैं।
बुंदेलखंड की हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी सीट पर अब चुनाव दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। शनिवार को शाम चुनाव प्रचार थमने के बाद जातिगत मतदाताओं में चिंतन मंथन इस बात के लिए होगा कि चुनाव मैदान में एकजुटता के साथ किस दल और प्रत्याशी को सबक सि$खाया जाए। यहां की सीट के लिए पांचवें चरण में बीस मई को मतदान होने है। ऐसे में भाजपा, सपा और बसपा समेत अन्य ग्यारह प्रत्याशियों की दिल की धड़कने तेज हो गई है। संसदीय क्षेत्र में 18.34 लाख से अधिक मतदाता है। जिनमें 9.91 लाख से अधिक पुरुष मतदाता है। जातिगत मतदाताओं पर नजर डाले तो यहां संसदीय सीट के पांचों विधानसभा क्षेत्रों में दो लाख से अधिक लोधी बिरादरी के मतदाता है। इनमें चरखारी और राठ विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक लोधी मतदाता है।
इसके अलावा 1.56 लाख के करीब मुस्लिम मतदाता है जबकि तीसरे नम्बर पर निषाद वर्ग के मतदाता है जिनकी संख्या 1.30 लाख है। हमीरपुर, महोबा, चरखारी, राठ व तिंदवारी क्षेत्र में कुशवाहा, काछी जाति के 1.24 लाख के करीब मतदाता है वहीं 1.19 लाख यादव पाल, 1.14 लाख प्रजापति, कुह्मार बिरादरी के मतदाता है। भाजपा के परम्परागत वोटों में 1.10 लाख क्षत्रिय, करीब एक लाख ब्राह्मण व 37 हजार के करीब वैश्य बिरादरी के मतदाता है। अबकी बार भाजपा प्रत्याशी से क्षत्रिय और ब्राह्मण समाज के लोग नाखुश है। जिन्हें मनाने की कोशिशें भी की जा रही है। इस संसदीय क्षेत्र में लोधी, मुस्लिम, प्रजापति, कुशवाहा और यादव मतदाताओं के एकजुट होने से दलीय प्रत्याशियों को बड़ा झटका लगता है।
भाजपा की हैट्रिक के लिए संसंदीय क्षेत्र में हुई ताबड़तोड़ चुनावी जनसभाएं
हमीरपुर-महोबा-तिदंवारी संसदीय सीट में सिटिंग एमपी व भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में इस बार रिकार्ड तोड़ चुनावी जनसभाएं हुई है। नामांकन के दिन प्रदेश सरकार के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने भाजपा प्रत्याशी के लिए हमीरपुर में चुनावी सभा की थी जबकि महोबा जिले में सीएम योगी ने चुनावी रैली में हुंकार भरी थी। इसके अलावा महोबा में एमपी के सीएम ने भी प्रत्याशी के लिए सभा कर वोट मांगे थे। वोटिंग से तीन दिन पूर्व हमीरपुर जिले के लोधी बाहुल्य राठ क्षेत्र में पीएम नरेन्द्र मोदी को भी चुनावी जनसभा में प्रत्याशी के लिए वोट मांगना पड़ा। इससे लगता है कि भाजपा यहां कमजोर स्थिति में है।
भाजपा की चुनावी रैली के बाद निर्णायक वोटरों पर प्रत्याशियों की टिकी नजरें
इस बार संसदीय क्षेत्र में सिर्फ भाजपा की ताबड़तोड़ चुनावी जनसभाएं हुई है। लेकिन इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के समर्थन में एक भी चुनावी जनसभा यहां नहीं हो सकी है। हालांकि सपा प्रत्याशी ने प्रशासन पर चुनावी सभा की अनुमति न देने के आरोप भी लगाए है। यहीं हाल बसपा प्रत्याशी का है। एक भी स्टार प्रचारक बसपा के लिए वोट मांगने यहां नहीं आया। चुनावी रैली के बाद अब निर्णायक मतदाताओं पर भाजपा, सपा और बसपा प्रत्याशियों की नजरें भी टिक गई है। बावजूद अबकी बार चुनाव को लेकर लोधी, मुस्लिम, ब्राह्मण और यादव बिरादरी समेत अन्य निर्णायक मतदाताओं में अभी खामोशी नहीं टूटी है।