बच्चों के लिए खतरनाक है हीट स्ट्रोक, गर्मी में डिहाइड्रेशन के लक्षणों को पहचानें!

जैसे-जैसे गर्मी का मौसम आता है, लू का प्रकोप भी बढ़ने लगता है। ऐसे मौसम में बच्चों का खास ख्याल रखना जरूरी है, क्योंकि उनकी नाजुक सेहत पर जल्दी असर पड़ सकता है। 

जैसे-जैसे गर्मी का मौसम आता है, लू का प्रकोप भी बढ़ने लगता है। ऐसे मौसम में बच्चों का खास ख्याल रखना जरूरी है, क्योंकि उनकी नाजुक सेहत पर जल्दी असर पड़ सकता है। गर्मी के कारण डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी बच्चों में एक आम समस्या है।

 

समस्या यह है कि कई बार बच्चों को प्यास नहीं लगती या वे बता नहीं पाते। ऐसे में माता-पिता को बच्चों में डिहाइड्रेशन के लक्षणों को पहचानने की जरूरत है, ताकि उन्हें समय पर पानी देकर या डॉक्टरी सलाह लेकर उनकी स्थिति को बिगड़ने से बचाया जा सके।

 

 

 

लू के दौरान बच्चों में निर्जलीकरण के कुछ शुरुआती लक्षण

– शिशुओं में गीले डायपर की कम संख्या और बड़े बच्चों में मूत्र का गहरा पीला रंग निर्जलीकरण का संकेत हो सकता है।

बच्चे का मुंह सूखना या बार-बार जीभ बाहर निकालना डिहाइड्रेशन के लक्षण हैं।

बिना किसी कारण के अत्यधिक थकान महसूस करना या कमजोर दिखना भी डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है।

तेज धूप में खेलने या लंबे समय तक बाहर रहने के बाद निर्जलीकरण के कारण बच्चों में सिरदर्द और चक्कर आ सकते हैं।

छोटे बच्चों में आंसुओं में कमी या रोने की कमी भी डिहाइड्रेशन का लक्षण हो सकता है।

अत्यधिक निर्जलीकरण के लक्षण

– बच्चों की आंखें धंसी हुई होना और उनमें चमक की कमी गंभीर डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है।

– त्वचा में चुभन होना। त्वचा को हल्के से पिंच करें और छोड़ दें। अगर त्वचा वापस आने में देरी हो रही है तो यह डिहाइड्रेशन का संकेत है।

– बिना किसी स्पष्ट कारण के तेज़ बुखार गंभीर निर्जलीकरण का लक्षण हो सकता है।

 

बच्चों को लू से बचाने के उपाय

– बच्चों को बार-बार पानी देते रहें, भले ही उन्हें प्यास न लगे।

– घर से निकलते समय हमेशा अपने साथ पानी की बोतल रखें।

– ढीले और सूती कपड़े पहनें।

-तेज धूप में निकलने से बचें।

– बच्चों को ठंडे फल और तरल पदार्थों का सेवन कराएं।