रीवा, 16 मई (हि.स.)। प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त एसएन मिश्रा ने गुरुवार को रीवा में उद्यानिकी, पशुपालन, दुग्ध संघ, मछली पालन एवं एमपी एग्रो की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि रीवा संभाग में फल और सब्जी उत्पादन में बहुत अच्छा कार्य हुआ है। संभाग प्रदेश में सब्जी उत्पादन में दूसरे तथा फल उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। अनाज के बाद फल-सब्जी उत्पादन किसानों को सर्वाधिक आय और रोजगार के अवसर दे रहा है।
उन्होंने कहा कि फल और सब्जी के साथ-साथ पुष्प और मसाले के क्षेत्र विस्तार पर विशेष ध्यान दें। इनसे कम लागत में अच्छा लाभ प्राप्त होता है। सीधी जिले में मछली पालन के लिए केज का सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है। संभाग के अन्य जिलों में भी केज के माध्यम से मछली पालन कराएं। कलेक्टर खेती और इससे जुड़े अन्य व्यवसायों के विकास के लिए दीर्घकालीन योजनाएं बनाएं। उद्यानिकी से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन की नियमित समीक्षा करें। उद्यानिकी फसलों के क्षेत्र विस्तार के लिए बड़े अभियान की आवश्यकता है। कलेक्टर किसी एक या दो फसल का चयन करके उनसे अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने का प्रयास करें। फल-सब्जी और मसालों की मार्केटिंग के लिए भी किसानों को उचित सुविधा उपलब्ध कराएं।
कृषि उत्पादन आयुक्त मिश्रा ने कहा कि संभाग में मछली पालन की अपार संभावना है। सभी बारहमासी जलाशयों में मछली पालन अनिवार्य रूप से कराएं। बड़े सिंचाई बांधों में भी अच्छी मात्रा में मछली का उत्पादन हो सकता है। संभाग में दुधारू पशुओं की संख्या पर्याप्त है। इनके नस्ल सुधार के लिए अभियान चलाएं। दूध उत्पादन तथा संकलन बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करें। नए मिल्क रूट का निर्माण कर दुग्ध सहकारी समितियाँ गठित कराएं। सहकारी समितियों का लंबित भुगतान तत्काल कराएं। संभाग में ऐरा प्रथा बड़ी समस्या है। इसे दूर करने के लिए गौशालाओं का सक्रिय संचालन कराएं। बसामन मामा गौ अभ्यारण्य जैसे बड़े क्षेत्र में निराश्रित गौवंश को रखने की व्यवस्था करें। इनमें गोबर गैस संयंत्र से बिजली उत्पादन जैसी इकाईयाँ भी संचालित कराएं। मऊगंज जिले में निराश्रित गौवंश को सुरक्षित करने के लिए सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि दुग्ध संघ के सांची ब्रांड के उत्पादों की बिक्री के लिए सभी जिलों में प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर साँची पार्लर स्थापित कराएं। कलेक्टर कृषि , उद्यानिकी, पशुपालन, मछलीपालन तथा दुग्ध संघ की विभागीय गतिविधियों की नियमित समीक्षा करें। रीवा और सतना जिलों में फल और सब्जी का बहुत अच्छा उत्पादन हो रहा है। सीधी और सिंगरौली जिले में भी फल-सब्जी उत्पादन बढ़ाने के प्रयास करें। मछली पालकों तथा पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी कराएं। कलेक्टर जिला बैंकर्स सलाहकार समिति में इसकी नियमित समीक्षा करें।
बैठक में एमपी एग्रो की योजनाओं की भी समीक्षा की गई। बैठक में रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने गौशालाओं के सफल संचालन के लिए एक चौकीदार की व्यवस्था करने तथा जिले से प्रस्तावित तीन गौ अभ्यारण्य की स्वीकृति का अनुरोध किया। बैठक में प्रमुख सचिव सहकारिता दीपाली रस्तोगी, कमिश्नर रीवा संभाग गोपाल चन्द्र डाड, संचालक उद्यानिकी एसबी सिंह, संचालक दुग्ध संघ एस सतीश कुमार संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।