नई दिल्ली: गाजा में संयुक्त राष्ट्र सहायता एजेंसी के साथ कार्यरत सेवानिवृत्त भारतीय कर्नल वैभव अनिल काले की मौत पर विदेश मंत्रालय ने गहरा दुख व्यक्त किया है. इसके साथ ही भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ‘हमने कर्नल की ‘हड्डियों’ को लाने में मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र में अपने स्थायी मिशन और तेल अवीव और रामल्लाह (फिलिस्तीन की राजधानी) में अपने दूतावासों को सूचित कर दिया है।’ (सेवानिवृत्त) भारत के लिए।
विशेष रूप से, कर्नल (सेवानिवृत्त) वैभव अनिल काले, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा और सुरक्षा विभाग (डीएसएस) में एक समन्वयक अधिकारी (समन्वय अधिकारी) के रूप में कार्यरत थे, की 13 मई को उस समय मृत्यु हो गई जब उनका वाहन इज़राइल के दौरान एक मिसाइल की चपेट में आ गया। हमास का युद्ध था
इस संबंध में विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि हम दूर से ही उनके परिवार और रिश्तेदारों के प्रति अपनी संवेदनाएं भेज रहे हैं.
इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने संवाददाताओं को बताया कि उसने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में हमारे स्थायी मिशन के साथ-साथ तेल अवीव और रामल्लाह में हमारे दूतावासों से उनके अवशेषों को भारत लाने में मदद करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा हमने संबंधित अधिकारियों को इसकी जांच करने के लिए सूचित कर दिया है कि यह घटना कैसे हुई.’