जयपुर, 15 मई (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने आगरा रोड स्थित पॉल्ट्री फार्म व एस्टेट की जमीन पर रहे परिवारों की बेदखली से जुडे मामले में पशुपालन विभाग के सचिव, उप सचिव निदेशक व उप निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा है। वहीं मामले में पक्षकारों को पॉल्ट्री फार्म की जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह आदेश पॉल्ट्री एस्टेट वेलफेयर सोसायटी की याचिका पर दिया।
याचिकाकर्ता सोसायटी के अधिवक्ता विकास सोमानी ने बताया कि यह मामला लंबे समय से हाईकोर्ट में पेडिंग चल रहा था। पूर्व में भी अदालत पॉल्ट्री फार्म की जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दे चुकी थी। वहीं हाईकोर्ट ने 29 नवंबर 2023 को प्रार्थी सोसायटी की याचिका निस्तारित कर उसे राज्य सरकार के समक्ष विस्तृत प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया था। वहीं पशुपालन विभाग को भी कहा था कि वह प्रार्थी सोसायटी को भी सुनवाई का पर्याप्त मौका देते हुए प्रतिवेदन को तय करें, लेकिन विभाग ने सतही तौर पर ही उनका प्रतिवेदन तय कर दिया। ऐसे में प्रार्थी सोसायटी व आवंटियों के खिलाफ बेदखली व अन्य कार्रवाई की संभावना है। इसलिए पॉल्ट्री फार्म की जमीन को लेकर उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं हो।
गौरतलब है कि राज्य सरकार के पशुपालन विभाग ने प्रार्थियों को 46 साल पहले पॉल्ट्री फार्म आवंटित किए थे और वे तभी से यहां रह रहे हैं। आवंटन के समय विभाग ने आवंटियों से अंडर टेकिंग ली थी कि आवंटी की जयपुर शहर में रिहायश की कोई जमीन नहीं होनी चाहिए और ना ही भविष्य में वे लेंगे। वहीं अब विभाग आवंटियों के 153 परिवारों को बेघर करने और पॉल्ट्री फार्म की जमीन को बेचने पर आमादा है। ऐसे में जमीन का प्रार्थियों के पक्ष में ही नियमन किया जाए और उन्हें यहां से बेदखल नहीं किया जाए।