प्राचीन काल से ही मनुष्य ऊर्जा से आकर्षित रहा है। चाहे वह भौतिक ऊर्जा हो, विद्युत ऊर्जा हो या तकनीकी ऊर्जा हो। अग्नि की खोज के बाद मनुष्य ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसका निष्कर्ष यह है कि आज भी ऊर्जा की आवश्यकता हर क्षेत्र में महसूस की जा रही है। घर की रसोई से लेकर सॉफ्टवेयर कंपनियों और निर्माण कार्यों तक हर क्षेत्र में ऊर्जा की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इस मांग को पूरा करना भी अनिवार्य है. अतः सरकार द्वारा ऊर्जा के नये स्रोतों की खोज कर इसके उत्पादन एवं रखरखाव हेतु कदम उठाये जा रहे हैं। इससे यह स्पष्ट है कि इस क्षेत्र में योग्य पेशेवरों की आवश्यकता भी बढ़ेगी। इस क्षेत्र में छात्रों के लिए काफी उम्मीदें हैं. जिन छात्रों ने साइंस स्ट्रीम रखी है और वे किसी विकसित क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो उन्हें एनर्जी सेक्टर की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।
कई संस्थान कोर्स संचालित कर रहे हैं
भविष्य के विकास के लिए एनर्जी इंजीनियरिंग में बीई या बीटेक पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने के लिए छात्र को किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल-कॉलेज से भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और कंप्यूटर विज्ञान के साथ बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके बाद एमई या एम.टेक कर सकते हैं। छात्र एनर्जी मैनेजमेंट पीजीडीएम में एमबीए भी कर सकते हैं। इनके अलावा, भारत में कई संस्थान प्राकृतिक संसाधनों के माध्यम से ऊर्जा उत्पन्न करने, संरक्षित करने और उपयोग करने के तरीके पर विभिन्न पाठ्यक्रम पढ़ा रहे हैं। इन सभी पाठ्यक्रमों और योग्य शिक्षा के माध्यम से युवा भारत में ऊर्जा क्षेत्र को रोजगार के रूप में चुन सकते हैं।
रोजगार के अवसर
इंजीनियरिंग की डिग्री युवाओं के लिए नौकरी के कई अवसर प्रदान कर सकती है। सौर ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा, कोयला, पेट्रोलियम, गैस, पावर प्लांट आदि कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें नौकरी मिल सकती है। रोजगार निजी एवं सरकारी दोनों क्षेत्रों में उपलब्ध है। इन क्षेत्रों में युवाओं को कमीशनिंग इंजीनियर, डिस्ट्रीब्यूशन इंजीनियर, मेंटेनेंस इंजीनियर, सब-स्टेशन मैनेजर, क्वालिटी एश्योरेंस, क्वालिटी कंट्रोल मैनेजर, विंड फार्म डिजाइनर, सोलर एनर्जी सिस्टम इंजीनियर, प्रोजेक्ट मैनेजर आदि के रूप में सफल होने के अवसर मिल सकते हैं।
ऊंचाईयों को छूने का सपना साकार हो सकता है
हर इंसान बचपन से ही सुनहरे भविष्य की उम्मीद करता है। एक छात्र जो ऊर्जा क्षेत्र में अपना करियर बनाता है, वह जीवन में ऊंचाइयों तक पहुंचने के सपने को साकार कर सकता है क्योंकि यह क्षेत्र शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ नौकरी पर अनुसंधान कौशल भी प्रदान करता है। इस क्षेत्र में सफल होने के लिए व्यक्ति को मानसिक रूप से तैयार रहना होगा। भविष्य के लिए तैयार रहने के साथ-साथ हर कठिन समय में धैर्यवान रहने और सकारात्मक सोच के साथ निर्णय लेने का गुण होना चाहिए।
सरकार की ओर से उठाये जा रहे प्रभावी कदम
भारत सरकार द्वारा ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ाने के लिए कई सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं। भारत में ऊर्जा क्षेत्र पिछले पांच-छह वर्षों में तेजी से बढ़ा है। भारत सरकार द्वारा आने वाले वर्षों में इसे और बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी एवं आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 तक 1,75,000 मेगावाट ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। अगले 10 वर्षों में इस नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 4,50,000 मेगावाट बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इससे पता चलता है कि ये लक्ष्य इसी तरह बढ़ते रहने की संभावना है.