पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. आज की अदालती कार्यवाही में योगगुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण भी पेश हुए. इस बीच, पतंजलि के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने उन उत्पादों की बिक्री रोक दी है, जिनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।
इस पर जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि पतंजलि को हलफनामे में इन उत्पादों के स्टॉक की जानकारी भी देनी होगी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि द्वारा दिए गए विज्ञापनों पर तीन हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.
कोर्ट के आदेशों के उल्लंघन के एक मामले में कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रामदेव ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग के लिए बहुत कुछ किया है, लेकिन मामला अलग है. क्योंकि यह दवा खरीदने वाले उपभोक्ताओं से जुड़ा है। यह लापरवाही नहीं हो सकती।”
कोर्ट से निकलते वक्त रामदेव ने जजों को सलाम किया. जवाब में जस्टिस ए अमानुल्लाह ने भी सलाम किया. अब रामदेव और बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं होना पड़ेगा. पीठ ने उन्हें आगे की पेशी से छूट दे दी है.
इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने पतंजलि के उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी थी, जिसका लाइसेंस अब निलंबित कर दिया गया है. कोर्ट ने पतंजलि उत्पादों का प्रचार करने वाले लोगों और संगठनों के लिए कुल 6 बिंदुओं पर दिशानिर्देश भी जारी किए.
कोर्ट ने इस मामले में उत्तराखंड सरकार को भी फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि राज्य सरकार ने हरिद्वार की कंपनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट से सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगी थी और कहा था कि उनका इरादा किसी भी तरह से सुप्रीम कोर्ट के सम्मान को ठेस पहुंचाना नहीं था.