सहरसा,13 मई (हि.स.)। जिले के सत्तर कटैया प्रखंड स्थित लक्ष्मीनिया विद्यापति सांस्कृतिक परिसर में स्थापित प्रतिमा का जानकी नवमी के दिन पूजन किया जाएगा।इस बार अयोध्या में श्री राम मंदिर बनने के बाद धूमधाम से रामनवमी की तरह जानकी नवमी मनाई जाएगी।
वैशाख शुक्ल पक्ष नवमी तिथि को मां सीता का अवतरण इस भूमि पर हुआ था। इस बार यह 16 एवं 17 मई को मनाया जाएगा।इस धाम के संस्थापक भोगेंद्र शर्मा एवं जमीनदाता देवनाथ यादव ने बताया कि विद्यापति सांस्कृतिक परिसर में बाबा महाकवि विद्यापति, उगना महादेव, राजा जनक,पं मंडन मिश्र, याज्ञवल्क्य, गौतम मुनि, राजा सल्हेस,वीर लोरिक, दिनाभद्री,कारु खिरहरि,सहित अन्य महापुरुषों की प्रतिमा स्थापित है वही इस धाम पर 14 फीट ऊंची मां सीता जी की प्रतिमा लोगों की आकर्षण का विशेष केंद्र बना हुआ है।जहां दूर-दूर से श्रद्धालु आकर दर्शन पूजन का लाभ उठा रहे हैं।
शर्मा ने बताया कि इस धाम की स्थापना के बाद 14 फीट ऊंची जानकी जी की प्रतिमा बनाई गई थी जिसका उद्घाटन हेलो मिथिला के प्रसिद्ध उद्घोषक धीरेंद्र प्रेमर्षि एवं रूपा झा के द्वारा प्रतिमा का अनावरण किया गया था। उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रतिनिधियों के द्वारा सहयोग किये जाने के कारण इस धाम का समुचित विकास हुआ है। वही इस जिले के पर्यटन सूची में भी शामिल किया गया है।
शर्मा ने बताया कि मैथिली हमारी मातृभाषा है। वही सीता जी का दूसरा नाम मैथिली है जो तुलसीदास की रामायण में स्पष्ट अंकित है। श्री शर्मा ने मैथिली भाषा के सर्वांगीण विकास के लिए संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार को सर जमीन पर उतरने की मांग की। साथ ही अपनी सभ्यता संस्कृति रीति रिवाज परंपरा की संरक्षण एवं संवर्धन किए जाने की मांग की है।