हरियाणा राजनीतिक संकट : हरियाणा में तीन निर्दलीय उम्मीदवारों के बीजेपी सरकार छोड़ने के बाद काफी राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिल रही है. बीजेपी सरकार की सत्ता पर संकट के बाद अब राज्य सरकार फ्लोर टेस्ट पास करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकती है. इस समय राज्य में बीजेपी और कांग्रेस समेत पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ तरह-तरह के दावे कर रही हैं, वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक बड़ा दावा किया है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर |
खट्टर का दावा, कांग्रेस के चार-पांच विधायक बीजेपी में होंगे शामिल!
हरियाणा बीजेपी पर आए संकट को लेकर खट्टर ने दावा किया कि विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा. जेजेपी को इसमें पड़ने की जरूरत नहीं थी, लेकिन वे इस मुद्दे में पड़ गये हैं. जेजेपी के छह विधायक हमारे संपर्क में हैं. कांग्रेस में भी अंदरूनी कलह चल रही है. कांग्रेस के 30 में से चार या पांच विधायक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. राज्यपाल ने 30 कांग्रेस विधायकों से हस्ताक्षर मांगे हैं.’
हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला। |
दुष्यंत चौटाला ने फ्लोर टेस्ट की मांग की
हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने हाल ही में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट की मांग की थी. उन्होंने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट की मांग की है. उन्होंने पत्र में लिखा कि वह राज्य में सरकार बनाने वाली किसी भी पार्टी को समर्थन देने के लिए तैयार हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए.
हरियाणा की बीजेपी सरकार से निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया है |
तीन विधायकों ने बीजेपी से अपना समर्थन वापस ले लिया
गौरतलब है कि 7 मई को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान की मौजूदगी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई थी, जिसमें तीन निर्दलीय विधायकों सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलेन और धर्मपाल गोंदर को बीजेपी का समर्थन मिला था. वापसी की घोषणा की. निर्दलीय विधायक गोंदर ने कहा, ‘हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं. हम कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं. हमने किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दों के कारण यह फैसला लिया है.’ तीन निर्दलीय विधायकों के पाला बदलने के बाद बीजेपी सरकार ने बहुमत खो दिया है. राज्य में सत्ता बरकरार रखने के लिए किसी भी पार्टी को 45 विधायकों की जरूरत है.
क्या बोले निर्दलीय विधायक?
कांग्रेस को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों ने कहा कि बीजेपी सरकार की नीति जनविरोधी रही है. जिसके चलते उन्होंने कांग्रेस को बाहरी समर्थन देने का फैसला किया है. अब वह कांग्रेस को पूरी ताकत देने का काम करेंगे. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने कहा कि बीजेपी सरकार जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही थी, लेकिन आज बीजेपी सरकार अल्पमत में आ गई है. राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाये. अब बीजेपी को सरकार में रहने का कोई अधिकार नहीं है. पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि तीन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया है. इसी जनता के हक में फैसला लिया गया है. राज्य में कांग्रेस लगातार मजबूत हो रही है.
हरियाणा विधानसभा सीटों की गणना
हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं, जिसका जादुई आंकड़ा 46 है। ऐसे में राज्य में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को कम से कम 46 विधायकों की जरूरत है। हालांकि, राज्य में दो सीटें खाली हैं, इसलिए जादुई आंकड़ा फिलहाल 45 है। मौजूदा सीटों की बात करें तो तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा खो दिया है. वर्तमान में बीजेपी के 40, कांग्रेस के 30 और जेजेपी के 10 विधायक हैं. इसके अलावा एक विधायक हरियाणा लोकहित पार्टी इनेल का है. जबकि छह विधायक निर्दलीय हैं. फिलहाल बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन टूट चुका है. निर्दलियों के सहयोग से चल रही बीजेपी सरकार की परेशानी बढ़ गई है. फिलहाल बीजेपी के पास अपने 40 विधायकों और 3 अन्य विधायकों का समर्थन है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी |
निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे पर क्या बोले मुख्यमंत्री?
जब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से उन खबरों के बारे में पूछा गया कि कुछ निर्दलीय विधायकों ने हरियाणा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को समर्थन दे दिया है, तो उन्होंने कहा, ‘मुझे यह जानकारी मिली है. शायद कांग्रेस अब कुछ लोगों की इच्छा पूरी करने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस को लोगों की इच्छा से कोई लेना-देना नहीं है.’