पाकिस्तान बढ़ती महंगाई की मार झेल रहा है, जिसका असर अब उसकी सड़कों पर भी दिखने लगा है। दरअसल, पीओके में बढ़ती महंगाई के कारण सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और पुलिस के साथ टकराव और पथराव की घटनाएं सामने आई हैं. हालांकि, बड़ी बात ये है कि पीओके में हो रहे इन प्रदर्शनों में भारतीय तिरंगा भी नजर आ रहा है. आपको बता दें कि ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी ने पीओके में महंगाई के खिलाफ 11 मई यानी शनिवार को पीओके की विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था.
इसके बाद पीओके में धारा 144 लागू कर दी गई है. ताकि लोग अपने घरों से बाहर न निकलें. इसके चलते शुक्रवार को ही स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और राजधानी मुजफ्फराबाद, मीरपुर और ददियाल जैसे इलाकों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए. भीड़ के हाथों में पीओके और भारत के राष्ट्रीय झंडे नजर आए. दरअसल, पीओके में बढ़ती महंगाई के कारण लोग गुस्से में हैं और महंगाई के खिलाफ पीओके में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. पेट्रोल, डीजल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। यहां तक कि खाने-पीने का सामान भी चीन से आयात किया जा रहा है. इसके चलते समिति ने प्रदेश में प्रदर्शन का एलान किया था।
पाकिस्तान द्वारा लगाए गए करों और बढ़ती कीमतों को लेकर शनिवार (11 मई) को विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी, लेकिन अतिरिक्त बलों की तैनाती और 70 कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से लोग नाराज हो गए और वे शुक्रवार को ही सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया और उनके साथ झड़प की.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, पुलिस ने जम्मू-कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी द्वारा घोषित ‘लॉन्ग मार्च’ को रोकने के लिए सत्तर कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने प्रदर्शनकारी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे, जिनमें से कुछ पास के स्कूल में गिरे और कई लड़कियां घायल हो गईं.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल पंजाब प्रांत के फ्रंट कॉर्प्स, रेंजर्स और क्विक रिस्पॉन्स फोर्स (QRF) के जवान इलाके की सड़कों पर हैं. गुरुवार तड़के मुजफ्फराबाद (POK का प्रशासनिक केंद्र) में पुलिस ने एक बिजनेस लीडर शौकत नवाज मीर के घर के साथ-साथ एक्शन कमेटी के कई अन्य लोगों के घरों पर भी छापेमारी की.
पाकिस्तानी कमरतोड़ महंगाई से जूझ रहे हैं, 3 अरब डॉलर के वित्तीय सहायता पैकेज को मंजूरी देते समय अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा लगाई गई कड़ी शर्तों से स्थिति और भी बदतर हो गई है। पाकिस्तान में बिजली दरों में बढ़ोतरी से दिक्कतें बढ़ गई हैं और लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए हैं.