टाटा मोटर्स ऑटो फाइनेंस सहायक कंपनी का टाटा कैपिटल में विलय करेगी

 टाटा मोटर्स अपनी वाहन वित्त सहायक कंपनी टाटा मोटर्स फाइनेंस को अलग कर टाटा कैपिटल में विलय करने की योजना बना रही है। इस कवायद का उद्देश्य वित्तीय सेवा परिचालन के एक बड़े हिस्से को एक कंपनी के तहत लाना है, साथ ही ऑटोमेकर की बैलेंस शीट को भी कम करना है। इस प्रक्रिया में शेयर-स्वैप समझौता शामिल होगा। समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस, टाटा मोटर्स को टाटा कैपिटल के शेयर पेश करेगी। तो वॉल्यूम के हिसाब से भारत की तीसरी सबसे बड़ी कार निर्माता को टाटा कैपिटल में हिस्सेदारी मिल जाएगी। टाटा कैपिटल टाटा संस की 95 प्रतिशत स्वामित्व वाली सहायक कंपनी और मूल वित्त कंपनी है। इसकी सेवाओं में वाणिज्यिक वित्त के अलावा उपभोक्ता, गृह, शिक्षा, व्यक्तिगत और कार ऋण शामिल हैं। यह परिसंपत्तियों, धन सेवाओं, निजी इक्विटी के विरुद्ध ऋण भी प्रदान करता है। इसके साथ ही टाटा कार्ड के वितरक और मार्केटिंग का भी काम करता है। टाटा मोटर्स फाइनेंस का मूल्य 15,000 करोड़ रुपये से 20,000 करोड़ रुपये है।