पिछले दो साल में डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में 9 फीसदी की गिरावट आई है, लेकिन अगर कारोबार डॉलर की जगह रुपये में किया जाए तो यह कीमत बढ़ सकती है। ऐसे में एक अखबार को दिए इंटरव्यू में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आयात और निर्यात का भुगतान भारतीय रुपये में करने की पद्धति अपनाने को लेकर भारत की कई देशों से बातचीत अंतिम चरण में है और केंद्र सरकार इसे प्राथमिकता दे रही है. .
उल्लेखनीय है कि भारत एक शुद्ध आयातक देश है और विशेष रूप से कच्चे तेल की घरेलू आवश्यकता को पूरा करने के लिए 85 प्रतिशत आयात पर निर्भर करता है। ऐसे में अगर देश का आयात और निर्यात लेनदेन डॉलर के बजाय भारतीय रुपये में किया जाए तो इससे देश को काफी फायदा हो सकता है। अमित शाह ने कहा कि जहां भारत का निर्यात व्यापार बढ़ा है, वहीं भारत को अंतरराष्ट्रीय विनिर्माण के लिए एक संभावित केंद्र के रूप में देखा जाता है। हर साल भारत की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयों को छू रही है।
नस्लीय भेदभाव के कारण भारत, चीन, रूस और जापान की अर्थव्यवस्थाओं की गति धीमी होने के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के आरोप पर अमित शाह ने कहा कि उन्होंने बिडेन की टिप्पणियों को विस्तार से नहीं देखा है, पिछले दशक में भारत की अर्थव्यवस्था का बढ़ता ग्राफ इसका प्रमाण है कि, भारत की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयों को छू रही है। पिछले दस वर्षों में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अगले दो से तीन वर्षों में भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का रोडमैप तैयार है।