भोपाल, 9 मई (हि.स.)। मध्यप्रदेश में इन दिनों मौसम अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं। प्रदेश के कुछ इलाकों में भीषण गर्मी पड़ रही है और कहीं-कहीं लू के हालात बने हुए हैं तो कुछ हिस्सों में आंधी-बारिश के साथ ओलावृष्टि हो रही है। गुरुवार को रीवा, सतना और सीहोर में तेज बारिश हुई, जबकि सागर में आंधी-बारिश के साथ ओले भी गिरे। मौसम विभाग की मानें तो अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से मौसम का मिजाज बदल गया है। अगले दो दिनों तक ऐसा ही मौसम बना रहने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार, वर्तमान में अलग-अलग मौसम प्रणालिया बनी हुई हैं। एक पश्चिमी विक्षोभ ईरान के आसपास द्रोणिका के रूप में बना हुआ है। पूर्वी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। पश्चिमी राजस्थान पर भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर पश्चिमी मध्य प्रदेश से होकर पश्चिमी विदर्भ तक एक द्रोणिका मौजूद है। इन मौसम प्रणालियों के असर से आ रही नमी के कारण पूरे प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल गया है। सुबह आसमान साफ रहने से तीखी धूप निकल रही है, जिससे अधिकतर शहरों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक बना हुआ है, जबकि दोपहर में बादल छाने लगते हैं और तेज रफ्तार से हवाएं चलने के साथ ही गरज-चमक के साथ बारिश होने लगती है। कहीं-कहीं ओले भी गिर रहे हैं।
गुरुवार को सुबह भोपाल में तेज धूप निकली, लेकिन दोपहर बाद तेज हवा चलने लगी। गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक रीवा में 13, सतना में 10, दमोह में आठ, सिवनी में तीन, बैतूल, सागर एवं उमरिया में दो मिलीमीटर वर्षा हुई। प्रदेश में सबसे अधिक 43 डिग्री सेल्सियस तापमान टीकमगढ़ एवं शिवपुरी में दर्ज किया गया।
वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से हवाओं के साथ नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इस वजह से पूरे मध्य प्रदेश में रुक-रुककर बारिश हो रही है। तेज रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। कहीं-कहीं ओले भी गिर रहे हैं। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी दो-तीन दिन तक बना रह सकता है।