हिसार, 9 मई (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि करूणा और सेवा दोनों श्रेष्ठ श्रेणी के भाव हैं। जिसमें दया एवं समर्पण समाहित है समझो कि वह दुनिया जीत सकता है। नर सेवा साक्षात नारायण सेवा स्वरूप है। इस धरा पर जब तक हो तो ये दोनों भाव साथ लेकर चलेंगे तो मन की संतुष्टि तो होगी ही साथ में प्रभु दर्शन भी। यह सब कुछ रैडक्रॉस में सिखाया एवं पढ़ाया जाता है। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई गुरुवार को विश्वविद्यालय में विश्व रैडक्रॉस दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित ‘कीपिंग ह्यूमिनिटी अलाइव’ विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
सेमिनार की अध्यक्षता कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने की। कार्यक्रम समन्वयक डॉ महावीर प्रसाद एवं क्षेत्रीय समन्वयक सुरेंद्र श्योराण ने सेमिनार की रूपरेखा तैयार की। इस अवसर पर तकनीकी सलाहकार प्रो. संदीप राणा, डीएसडब्ल्यू प्रो. योगेश छाबा, डीओसी प्रो. संजीव कुमार, प्रो. हिमानी शर्मा, प्राध्यापक डा. अंजु गुप्ता, प्राचार्य कमलेश दूहन, प्राचार्य दीपमाला तथा प्राचार्य पवित्र मोहन, डीटीओ विनोद कुमारी आदि सदस्य विशेष रूप से उपस्थित रहे। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने विश्व रैडक्रॉस दिवस के अस्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संस्थानों में रैडक्रॉस को हमेशा प्राथमिकता दी जाती है। गुजविप्रौवि और संबंधित कॉलेजों में रैडक्रॉस गतिविधियां जारी हैं।
कुलसचिव प्रो. विनोद छोक्कर ने कहा कि विश्व रैडक्रॉस द्वारा जनकल्याण के लिए उठाए गए कार्यों के मद्देनजर ही रैडक्रॉस को कई बार नोबेल शांति पुरस्कार से भी नवाजा गया है। वक्ता प्रो. संदीप राणा ने विश्व रैडक्रॉस दिवस 2024 थीम पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. महावीर प्रसाद ने बताया कि विश्वविद्यालय में रैडक्रॉस की सभी गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाया जा रहा है।
सेमिनार उपरांत कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय रैडक्रॉस की कार्यकारिणी कमेटी की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में यूथ रैडक्रॉस इकाई का गठन करना, रैडक्रॉस की गतिविधियों को बढ़ावा देना, प्राथमिक उपचार एवं सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम करना, पर्यावरण पर काम करना, रक्तदान, सड़क सुरक्षा, फायर सेफ्टी एवं दिव्यांगजनों के लिए विशेष कार्यक्रम आदि पारित किए गए।