झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार (06 मई) को झारखंड में कई स्थानों पर छापेमारी की। ईडी ने कहा है कि उसने कथित तौर पर झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव (पीए) संजीव लाल से जुड़े परिसरों की तलाशी के दौरान बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी बरामद की है।
ईडी ने आलमगीर आलम स्थित पीए संजीव लाल के नौकर के घर से करीब 30 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की है. जिस नौकर के घर से ये कैश मिला उसकी मासिक सैलरी महज 15 हजार रुपये है.
तलाशी के वीडियो फुटेज में एक कमरे में नोट बिखरे हुए दिखाई दे रहे हैं, आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के घरेलू नौकर बताए जा रहे हैं। ऐसे में झारखंड के मंत्री आलमगीर को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाएं तेज हो गई हैं. आइए जानते हैं कौन हैं झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम?
कौन हैं आलमगीर आलम: कौन हैं आलमगीर आलम?
आलमगीर आलम झारखंड की चंपई सोरेन सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री हैं. आलमगीर आलम कांग्रेस नेता हैं. आलमगीर आलम कांग्रेस के सदस्य के रूप में झारखंड विधानसभा में पाकुड़ निर्वाचन क्षेत्र से चार बार विधायक रहे हैं। आलमगीर आलम 2000, 2004, 2014 और 2019 के चुनाव में पाकुड़ सीट से जीत चुके हैं. 2009 के चुनाव में वह हार गये.
आलमगीर आलम 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 के बीच झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे। 2019 के झारखंड विधानसभा चुनावों में, आलमगीर आलम ने अकील अख्तर को हराकर अपनी सीट बरकरार रखी, जिन्होंने पहले 2009 के चुनावों के बाद इस सीट पर कब्जा किया था।
चुनाव के बाद आलम को कांग्रेस, झामुमो और राजद गठबंधन में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया. 29 दिसंबर 2019 को, आलमगीर आलम हेमंत सोरेन, रामेश्वर ओरान और सत्यानंद भोक्ता के साथ राज्य मंत्रिमंडल में शपथ लेने वाले पहले चार सदस्यों में से थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी को इनपुट मिला था कि आलमगीर आलम के मंत्रालय में भ्रष्टाचार हो रहा है. ईडी को इनपुट मिला था कि नौकरों के घर पर काला धन रखा जा रहा है. इस इनपुट के बाद निजी सचिव के नौकर के घर पर छापा मारा गया.