जयपुर, 4 मई (हि.स.)। सांगानेर सदर थाना इलाके में जांच के नाम पर एक महिला के अंडाणु (एग) बेचने के प्रयास का मामला सामने आया है। महिला ने अपने ससुराल पक्ष पर पच्चीस हजार रुपये में अंडाणु एक हॉस्पिटल को बेचने का आरोप हुए मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि महिला के ऐग निकाले ही नहीं गए। पीड़िता ने इस मामले में चार दिन पहले दहेज प्रताड़ना के साथ मानव अंग प्रत्यारोपण का केस भी दर्ज करवाया है।
पुलिस के अनुसार बीस वर्षीय विवाहिता ने मामला दर्ज करवाया कि मई 2022 में उसकी शादी हितेश (बदला हुआ नाम) से हुई थी। आटे-साटे में उसके दोनों भाइयों की भी उसकी ननदों से शादी हुई है। उसके घरवालों ने शादी में अच्छा दहेज देकर ससुराल भेजा था, लेकिन शादी के बाद से सास उसे कम दहेज को लेकर टॉर्चर कर करती रही है। दहेज के तानों से परेशान होकर पिता के साथ वह अपने पीहर आ गई। सास के रवैये के बारे में बताने पर पिता ने समझाने की कहकर मुझे शांत करवा दिया। करीब 2 महीने बाद सास व मौसा ससुर पीहर आए। दहेज की मांग को लेकर पिता के टोकने पर माफी मांग कर वापस ससुराल ले गए। वहीं, पति से उसकी बातचीत बंद है।
पीड़िता ने शिकायत में बताया कि सास से मिलने के लिए सोनिया नाम की महिला घर आती रहती थी। इसी साल 29 मार्च को सास ने सोनिया के साथ हॉस्पिटल जाने के लिए मुझ पर दबाव बनाया। किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने पर भी हॉस्पिटल भेजने के बारे में पूछा। सास ने शरीर का चेकअप करवाने की कहकर बात दबा दी। फिर 31 मार्च को सुबह करीब 10 बजे सोनिया सास से मिलने के लिए घर आई। सास ने फिर उस पर हॉस्पिटल जाने के लिए उस पर दबाव बनाया।
सास के दबाव बनाने पर सोनिया के साथ दुर्गापुरा के आगे स्थित हॉस्पिटल चेकअप करवाने आ गई। हॉस्पिटल में टेस्ट के लिए खून निकाला गया। इस दौरान दर्द की शिकायत की। इसके बाद पेट में तेज दर्द होने पर सोनोग्राफी की गई। घर आने से पहले डॉक्टर ने 12 दिन तक लगातार हॉस्पिटल आने के लिए कहा।
पीड़िता का आरोप है कि सास ने 1 अप्रेल को दोपहर करीब 11 बजे सोनिया के साथ जबरन हॉस्पिटल भेज दिया। यहां डॉक्टर ने पेट में इंजेक्शन लगाया। पेट में दर्द होने पर डॉक्टर ने एक गोली खाने को दी। गोली खाने पर बेहोशी छाने लगी। डॉक्टर ने कहा दर्द थोड़ी देर में सही हो जाएगा। बेहोशी की हालत में डॉक्टर ने कुछ डॉक्युमेंट पर साइन करवा लिए। 4 अप्रैल तक सोनिया उसे लगातार हॉस्पिटल चेकअप के लिए ले जाती रही। हॉस्पिटल में रोज इंजेक्शन लगाए जाने लगे। पेट में दर्द होने पर उसे खाने के लिए दवाई दे दी जाती थी। 4 अप्रैल की शाम को पिता ने उससे बात करने के लिए कॉल किया। कई बार कॉल करने के बाद भी सास ने बात नहीं करवाई। शाम करीब 7 बजे पिता ने सास को कॉल कर उससे बात करवाने के लिए कहा। पिता से बात करवाने से पहले सास ने हॉस्पिटल वाली बात बताने से मना कर दिया।
नर्स ने किया अंडाणु बेचने का खुलासा
5 अप्रैल को सुबह ससुराल वापस नहीं जाने पर दोपहर करीब 2 बजे ननद के साथ हॉस्पिटल की नर्स घर आई। हॉस्पिटल ले जाने की कहकर घर के अंदर घुस आए। मना करने पर भी हाथ खींचकर जबरन घर के बाहर निकाल लाए। पिता के पूछने पर बोले कि हॉस्पिटल ले जाना जरूरी है, नहीं तो इसके पेट में गांठ हो जाएगी। जबरन स्कूटी पर बैठाकर ले जाने लगे। वह जोर-जोर से चिल्लाई तो पिता ने भेजने से मना कर दिया। बार-बार हॉस्पिटल भेजने का दबाव बनाने पर झगड़ा होने लगा। हॉस्पिटल से आई नर्स ने धमकाते हुए बोला कि इसको हम जबरन लेकर जाएंगे। इसके अंडाणु बेचने का सौदा इसकी सास ने किया है। उसको 25 हजार रुपये कैश भी दिए हैं। नर्स के बताने पर उसकी बिना सहमति के अंडाणु का सौदा करने का पता चला। वहीं, हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने भी उसे धमकी दी।
इस संबंध में अस्पताल प्रशासन ने बताया कि हमारे यहां एग डोनर सरकार द्वारा रजिस्टर्ड डोनर बैंक से ही लिए जाते हैं। डोनर की सहमति से ही ऐग लिए जा सकते हैं। जिस महिला ने आरोप लगाए हैं, इस नाम के पेशेंट के कभी ऐग नहीं निकाले गए हैं। महिला ने जिस नर्स का जिक्र किया वो हमारे अस्पताल में कार्यरत नहीं है। अस्पताल को बदनाम करने के लिए आरोप लगाए गए हैं, जो निराधार है। हम इस संबंध में कानूनी कार्यवाही की तैयारी कर रहे हैं।