इन बीमारियों में औषधि के रूप में काम करती है अर्जुन की छाल, जानें कैसे करें इस्तेमाल

नई दिल्ली: आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियां हैं जो बहुत प्रभावी ढंग से काम करती हैं। उनमें से एक है अर्जुन की छाल (arjun ki chhal ke fayde) इस पेड़ की छाल मधुमेह और उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद मानी जाती है। अर्जुन की छाल में कई पोषक तत्व और फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो इसे हर्बल उपचार में महत्वपूर्ण बनाते हैं। अर्जुन की छाल में फ्लेवोनोइड्स, टैनिन, ट्रिपरपेनोइड्स और सैपोनिन्स जैसे फाइटोकेमिकल्स होते हैं। इसमें अर्जुनोलिक एसिड, गैलिक एसिड, एलाजिक एसिड जैसे कई आवश्यक योगिक यौगिक शामिल हैं। ये सभी तत्व अर्जुन की छाल को एक प्रभावी औषधि बनाते हैं। जानिए अर्जुन की छाल का उपयोग किस बीमारी में किया जाता है और इसका उपयोग कैसे किया जाता है?

अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करें?
अर्जुन की छाल का उपयोग करने के लिए आप इसका पाउडर बना लें। अर्जुन की छाल का पाउडर भी बाजार में उपलब्ध है। आप लगभग 10-10 मिलीग्राम अर्जुन की छाल का पाउडर लें और सुबह-शाम इसका सेवन करें। इसका सेवन आप चाय, दूध या गर्म पानी के साथ ही कर सकते हैं।

 

जिन रोगों में अर्जुन की छाल का उपयोग किया जाता है

मधुमेह: अर्जुन की छाल का उपयोग सुदर आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है। इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर में शुगर लेवल को नियंत्रित करते हैं और सूजन को कम करते हैं। अर्जुन की छाल मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करती है। डायबिटीज के मरीज इसका सेवन कर सकते हैं।

गठिया में फायदेमंद – अर्जुन की छाल में कई ऐसे घटक होते हैं जो सूजन-रोधी प्रभाव डालते हैं। इससे हृदय रोग, मधुमेह और गठिया जैसी बीमारियाँ बढ़ती हैं। अर्जुन की छाल शरीर में सूजन को कम करती है और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाती है। 

हाई ब्लड प्रेशर में फायदेमंद- हृदय को स्वस्थ रखने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए अर्जुन की छाल का उपयोग किया जा सकता है. इसमें फाइटोकेमिकल्स, विशेष रूप से टैनिन होते हैं, जो कार्डियोप्रोटेक्टिव प्रभाव दिखाते हैं। यह धमनियों को फैलाने में मदद करता है और रक्तचाप को कम करता है। अर्जुन की छाल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करती है।

दस्त में आराम – दस्त या पेचिश होने पर अर्जुन की छाल का उपयोग किया जा सकता है। अर्जुन की छाल का उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें टैनिन होता है जो पाचन तंत्र में सूजन को कम करता है और दस्त को ठीक करने में मदद करता है।