Layoff: दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन और टेक दिग्गज Google में हड़कंप मचा हुआ है और छंटनी का सिलसिला जोरों पर है। हाल ही में पूरी Python टीम को नौकरी से निकालने के बाद अब एक बार फिर कंपनी में छंटनी की बड़ी खबर आई है। इस बार छंटनी की तलवार गूगल की कोर टीम पर गिरी है और 200 कर्मचारी इसका शिकार हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, यह छंटनी Google Q1 Results से ठीक पहले की गई है.
तिमाही नतीजों से ठीक पहले ऐलान
Google ने अपनी पहली तिमाही की विस्फोटक आय की रिपोर्ट करने से ठीक पहले 25 अप्रैल को अपनी कोर टीम में बड़ी छंटनी की थी। सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसके तहत कंपनी ने कम से कम 200 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। इसके अलावा कहा गया है कि गूगल अपनी कुछ नियुक्तियों को भारत और मैक्सिको में स्थानांतरित करने पर विचार कर रहा है। Google में यह नई छंटनी हाल ही में फ़्लटर, डार्ट और पायथन टीमों से कर्मचारियों को हटाने के बाद देखी गई है।
कर्मचारियों को ई-मेल के माध्यम से सूचना भेजी गई
रिपोर्ट के मुताबिक, लेऑफ की घोषणा Google डेवलपर इकोसिस्टम के उपाध्यक्ष असीम हुसैन ने की थी और पिछले हफ्ते उन्होंने कोर टीम में काम करने वाले अपने कर्मचारियों को इस संबंध में एक ईमेल भेजकर सूचित किया था। इसके अलावा उन्होंने एक टाउन हॉल में छंटनी और बदलाव के बारे में भी बात की. हुसैन ने कहा था कि यह इस साल उनकी टीम के लिए सबसे बड़ी योजनाबद्ध कटौती है।
Google की कोर टीम क्या करती है?
Google की वेबसाइट के अनुसार, ‘कोर’ टीम कंपनी के प्रमुख उत्पादों के पीछे तकनीकी आधार तैयार करती है। टीम Google में अंतर्निहित डिज़ाइन, डेवलपर प्लेटफ़ॉर्म, उत्पाद घटकों और बुनियादी ढांचे के लिए ज़िम्मेदार है। ताजा छंटनी को लेकर जारी इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हटाए गए पदों में से कम से कम 50 पद कैलिफोर्निया के सनीवेल स्थित कंपनी के दफ्तरों में काम करने वाले इंजीनियरिंग सेक्शन के हैं.
लागत में कटौती के नाम पर तेजी से छँटनी
इससे पहले गूगल में की गई छटनी सिर्फ एक या दो कर्मचारियों तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि कंपनी ने पूरी टीम को ही बर्खास्त कर दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक, कॉस्ट कटिंग का हवाला देते हुए गूगल ने अपनी पूरी Python टीम को नौकरी से निकाल दिया है। गौरतलब है कि पायथन टीम इंजीनियरों का एक समूह है जो विभिन्न उत्पादों में उपयोग की जाने वाली प्रोग्रामिंग भाषा की मांगों को संभालती है और उसे स्थिर रखती है।