अब पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले करने की साजिश रच रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे सबूत मिले हैं. उधमपुर के बसंतगढ़ में अभी भी ऑपरेशन जारी है. कठुआ के बनी में भी सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है. सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खात्मे के लिए फुलप्रूफ प्लान तैयार किया है.
आतंकियों के पास अमेरिकी असॉल्ट राइफलें हैं
आपको बता दें कि सुरक्षा बलों ने बसंतगढ़ मुठभेड़ स्थल से एके राइफल की गोलियों के साथ चीन निर्मित हरी स्टील की गोलियां और शेल के खोल भी बरामद किए हैं. उग्रवादियों ने वीडीजी सदस्यों और एसपीओ पर भी ऐसी ही गोलियां चलाईं। इससे खुलासा हुआ है कि आतंकियों के पास अमेरिकी असॉल्ट राइफल एम4 कार्बाइन जैसे हथियार हैं.
पुलिस ने शेयर की तस्वीर
आपको बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी पहले भी एम4 कार्बाइन का इस्तेमाल कर चुके हैं. कुछ समय के लिए राजौरी और पुंछ में जैश संगठन PAFF द्वारा हमलों में उन्हीं स्टील की गोलियों और M4 कार्बाइन का इस्तेमाल किया गया था। इसी राइफल का इस्तेमाल उस आतंकवादी ने भी किया था जिसने हाल ही में राजौरी के थानामंडी इलाके में प्रादेशिक सेना के एक जवान के भाई की हत्या कर दी थी। पुलिस ने एम4 राइफल पकड़े हुए उसकी एक तस्वीर भी साझा की।
जैश और लश्कर के आतंकी मिलकर साजिश रच रहे हैं
गौरतलब है कि पिछले तीन दशकों में पहली बार जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की संख्या 100 से कम हो गई है. लश्कर, जैश, हिजबुल जैसे आतंकी संगठनों के ज्यादातर टॉप आतंकी कमांडर और उनके सहयोगी मारे जा चुके हैं. ऐसे में पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का पूरा नेटवर्क ध्वस्त हो गया है. यही वजह है कि अब जैश और लश्कर के आतंकी मिलकर आतंकी हमले की साजिश रच रहे हैं.
सर्च ऑपरेशन तेज
उधमपुर के बसंतगढ़ में अभी भी ऑपरेशन जारी है. अब कठुआ के बनी में आतंकियों को पकड़ने और मार गिराने के लिए सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है. उम्मीद है कि जल्द ही सुरक्षा एजेंसियां इन जंगलों में छिपे 7 से ज्यादा पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराएंगी. जम्मू कश्मीर पुलिस, भारतीय सेना और सीआरपीएफ आतंकियों को ढेर करने के लिए संयुक्त अभियान चला रही है. इस ऑपरेशन में हेलीकॉप्टर और यूएवी (मानव रहित हवाई वाहन) का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।