लार्ज कैप प्रदर्शन: पिछले कुछ हफ्तों में शेयर बाजार में अत्यधिक अस्थिरता देखी गई है। सेंसेक्स और निफ्टी अब तक के उच्चतम स्तर से लगातार अस्थिर रहे हैं। हालांकि, इस उतार-चढ़ाव का सबसे ज्यादा असर स्मॉलकैप फंडों पर देखने को मिला. छोटे और मिड कैप शेयरों की तुलना में बड़े कैप शेयरों में कम अस्थिरता देखी गई है।
80 फीसदी स्मॉल कैप शेयरों में गिरावट आई
स्मॉल कैप शेयरों में भारी बिकवाली के कारण इस सेगमेंट के 80 फीसदी शेयरों की कीमतों में गिरावट देखी गई। इस बिकवाली के बोझ तले कुछ शेयर साल के निचले स्तर तक गिर गये। इसका असर म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन पर भी पड़ा. जबकि पिछले एक साल में 12 लार्ज कैप फंडों ने 40 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दर्ज किया है.
निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को स्थिर करने के लिए स्मॉल कैप सेगमेंट की तुलना में लार्ज कैप शेयरों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों के पोर्टफोलियो में लार्ज कैप फंड का होना जरूरी है.
लार्जकैप फंड में आकर्षक रिटर्न
हाल के दिनों में लार्ज कैप फंडों का प्रदर्शन अधिक स्थिर रहा है। पिछले एक साल में 12 लार्ज कैप फंडों ने 40 फीसदी से ज्यादा और 15 फंडों ने 30 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. इस श्रेणी में निप्पॉन इंडिया लार्ज कैप ने सबसे अधिक 45.12 प्रतिशत का रिटर्न दर्ज किया, जबकि टॉरस म्यूचुअल फंड ने सबसे अधिक 43.98 प्रतिशत का रिटर्न दर्ज किया।
इसके अलावा अन्य 10 फंडों को 40 फीसदी का जोरदार रिटर्न मिला है. लार्ज कैप शेयरों में स्थिर माहौल फंडों के समर्थन, कुछ वैश्विक फंडों द्वारा खरीदारी और विभिन्न वैश्विक और घरेलू कारकों के बीच कम अस्थिरता और कीमतों में सीमित गिरावट के बाद त्वरित रिकवरी के कारण है। लार्ज कैप स्टॉक झटके के प्रति अधिक लचीले होते हैं और उनका जोखिम प्रतिफल स्थिर होता है।