नई दिल्ली, 30 अप्रैल (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) के चेयरपर्सन और सदस्यों के खाली पड़े पदों पर जल्द नियुक्ति की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को करने का आदेश दिया।
हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के अलावा दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग और केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय को भी नोटिस जारी किया। याचिका नेशनल चाइल्ड डेवलपमेंट काउंसिल ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग 02 जुलाई 2023 से बिना चेयरपर्सन के काम कर रही है। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग में इतने लंबे समय तक चेयरपर्सन का पद खाली रहना चाइल्ड राइट्स रूल्स का उल्लंघन है।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग की वेबसाइट बता रही है कि वो बिना चेयरपर्सन के ही काम कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि आयोग के पिछले चेयरपर्सन का कार्यकाल समाप्त होने के बाद आयोग के खराब कामकाज की बड़ी आलोचना हो रही है। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग की धारा-8(2) के तहत अगर किसी भी कारणवश आयोग में कोई पद खाली होता है तो उसे 90 दिनों के अंदर भरा जाएगा। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि आयोग में खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित करने के लिए संबंधित मंत्री को एक अगस्त 2023 को फाइल भेज दिया गया था। 27 मार्च को संबंधित मंत्री ने लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने की बात कहते हुए इन पदों के लिए विज्ञापन जारी नहीं करने की बात कही। तब कोर्ट ने कहा कि जहां चाह होगी वहां राह भी होगी। आप अनुमान लगाइए कि अगस्त से अब तक कुछ नहीं हुआ।