देहरादून, 30 अप्रैल (हि.स.)। साइबर अपराधियों की हिम्मत इस कदर बढ़ गई है कि उन्होंने जेल अधीक्षक को भी नहीं छोड़ा। आखिरकार उत्तराखंड एसटीएफ ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दरअसल, बांदा जेल अधीक्षक को विदेशी नंबर से कॉल कर जान से मारने की धमकी दी गई थी। जांच पड़ताल के बाद पता चला कि विदेशी कॉल डायवर्ट करने वाली कंपनी देहरादून में संचालित है। इसके तार चाइना से जुड़े हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि गत 29 मार्च को उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा कारागार के जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा और वरिष्ठ जेल अधीक्षक को देहरादून के लैंडलाइन नंबर 0135-2613492 से जान से मारने की धमकी देने के प्रकरण में शहर कोतवाली बांदा उत्तर प्रदेश में मुकदमा पंजीकृत हुआ था। इस संबंध में उत्तर प्रदेश पुलिस एवं डीओटी भारत सरकार की ओर से उत्तराखंड एसटीएफ से विभिन्न जानकारी साझा की गई। तहकीकात करने पर लैंडलाइन नंबर स्पेक्ट्रम इंफो वेब सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड एमएम टावर के नाम से पंजीकृत पाया गया, फिर गोपनीय जानकारी मिली कि अनुराग गुप्ता पुत्र कमल गुप्ता निवासी 18 संगम बिहार जीएमएस रोड थाना बसंत बिहार देहरादून हाल निवासी मन्न 11 प्रिय लोक कालोनी सेवला कला थाना पटेल नगर देहरादून ने स्पेक्ट्रम इंफो वेब सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम से करीब 500 नंबर लिए है। जिनसे वह विदेशों की कॉल को इंटरनेट पर मंगाकर भारतीय मोबाइल नंबरों पर डायवर्ट कराता है और यह कार्य बहुत ही गोपनीय तरीके से कर रहा है। आखिरकार मंगलवार को एसटीएफ ने जीएमएस रोड एमएम टावर के द्वितीय तल पर छापा मारकर साइबर अपराधी अनुराग गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही दो लैपटाप, दो सर्वर, दो सीपीयू, एक मॉनिटर, दो मीडिया कन्वर्टर, एक लाइन स्विच, तीन माडम, सात जार्च व कनेक्टिंग तार, एक प्रिंटर और एक मोबाइल फोन बरामद किया। मौके पर डीओटी टीम भी तकनीकी सहयोग के लिए मौजूद थी।
पर्दे के पीछे चलाता था अवैध कॉल एक्सचेंज सेटअप
आरोपित ने अपनी कंपनी स्पेक्ट्रम इंफो वेब सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड का बोर्ड न लगाकर अपनी पहचान छिपाने के लिए बाहर विक्रांत फूड कंपनी एंड दून इट्स वेब्ड सर्विस के नाम से दो फ्लैक्सी बोर्ड लगाए हुए है और कार्यालय के अंदर कॉल एक्सचेंज सेटअप स्थापित किया हुआ था। एक्सचेंज सेट के लिए उसने बीएसएनएल से 500 लैंडलाइन नंबर का एसआईपी कनेक्शन एवं इंटरवेव टेक्नोलोजी से इंटरनेट का कनेक्शन लिया हुआ था।
वीआईपी काल को लैंडलाइन नंबर पर रूट कराने पर चाइना से मिलता है कमीशन
पूछताछ में गिरफ्तार आरोपित ने बताया कि मैंने यहां पर एक सर्वर सेटअप किया है। यहां से मैं विदेश से प्राप्त वीआईपी काल को लैंडलाइन नंबर पर रूट कराता हूं। इसकी एवज में मुझे चाइना से कमीशन मिलता है। वर्ष 2015 में मैं चाइना टेलीकाम कंपनी जो चाइना में स्थित है, उसमें वेल्यू एडिट सर्विस का कार्य करता था। जहां एमेंडा नामक महिला से पहचान हुई थी, जो स्नो फ्लाई आनलाइन कंपनी चलाती थी। उससे आएदिन स्काइप एप पर और नार्मल आईएसडी काल के माध्यम से बातचीत होती रहती थी। उसने बताया था कि मैं जो इंटरनेट के माध्यम से इंटरनेशनल काल आपको भेजूंगी, उसको लोकल काल में परिवर्तित कर इंडिया एवं अन्य विदेशी स्थानों पर भेजना है। यह एक अवैध कार्य है। इसके एवज में लाखों रुपये डालर के रूप में मिलेंगे।
अवैध कार्य की जानकारी होने पर जिओ ने काटा कनेक्शन तो बीएसएनएल से लिये 500 नंबर
रुपये की लालच में मैंने अगस्त 2023 से दिसंबर 2023 तक जीओ कंपनी से नंबर एंव नेट लिया था किंतु जिओ कंपनी को मेरे इस अवैध कार्य की जानकारी होने पर उन्होंने मेरा कनेक्शन काट दिया था। इसके बाद दिसम्बर 2023 में बीएसएनएल कंपनी से सबसे पहले पीआरआई लाइन और एक राउटर लिया था। यह लाइन चाइना, हांगकांग, सिंगापुर में स्नो फ्लाई आनलाइन कंपनी से प्राप्त काल को कस्टमर तक भेजने के लिए लिया था। इसके लिए कुल 500 नंबर लिए हैं।
आरोपित हरियाणा और बिहार में भी जा चुका है जेल
आरोपित ने बताया कि जनपद बांदा के प्रकरण में मेरी कंपनी के सर्वर का प्रयोग किया गया था, जो कनाडा से एक मोबाइल नंबर से मेरे सर्वर पर आया था। जिसको मैंने जेल अधीक्षक के नंबर पर डायवर्ट कर दिया था। उक्त आरोपित पूर्व में इसी प्रकार के प्रकरण में जनपद सोनीपत हरियाणा और बिहार से जेल जा चुका है।