लोकसभा चुनाव के लिए सियासी दिग्गज प्रचार में जुट गए हैं. सोशल मीडिया प्रमोशन का बेहतरीन जरिया बनता जा रहा है। लेकिन इसका दुरुपयोग भी हो रहा है. तभी अमित शाह का एक फर्जी वीडियो सामने आया है. जिसके चलते दिल्ली पुलिस एक्शन में आ गई है.
क्या कार्रवाई की गई?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एडिटेड वीडियो मामले में जांच तेज हो गई है. इस मामले में जांच का दायरा बढ़ गया है. तेलंगाना में 5 नेताओं को नोटिस दिया गया है. एडिटेड वीडियो मामले में कई राज्यों के लोग शामिल हैं. जिससे जांच का दायरा दूसरे राज्यों तक भी फैल गया है. जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस मामले की जांच के लिए रांची, राजस्थान और मध्य प्रदेश भी जाएगी. साथ ही दिल्ली पुलिस की एक टीम असम जाकर गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर सकती है.
रेवंत रेड्डी को समन
दिल्ली पुलिस ने अमित शाह के खिलाफ फर्जी वीडियो मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को भी तलब किया है। उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की साइबर यूनिट ने तेलंगाना में पांच लोगों की पहचान की है और उनसे पूछताछ भी कर सकती है. इसके अलावा इस मामले में असम से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी है. आपको बता दें कि गिरफ्तार आरोपी का नाम रितम सिंह है.
एक उच्च स्तरीय बैठक हुई
अमित शाह से जुड़े फर्जी वीडियो को लेकर सोमवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय में उच्च स्तरीय बैठक हुई. इसमें दिल्ली पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. इस बैठक में साइबर विंग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. जिस सोशल मीडिया हैंडल से शाह का फर्जी वीडियो शेयर किया गया है, उसके खिलाफ नोटिस जारी किया जाएगा और दिल्ली पुलिस उससे पूछताछ करेगी.
वीडियो को ग़लत तरीके से संपादित किया गया था
दिल्ली पुलिस ने रविवार को वीडियो से छेड़छाड़ के मामले में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 153, 153ए, 465,469, 66 आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। आपको बता दें कि तेलंगाना में एक चुनावी रैली में अमित शाह ने एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण जारी रखने की बात कही थी, लेकिन एक फर्जी वीडियो में इसे खत्म करने की बात कही गई और यह वायरल हो गया. बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने अमित शाह के वीडियो को एडिट किया है और इसे गलत तरीके से पेश कर रहे हैं.