मुंबई: जलवायु परिवर्तन के कारण पिछले 23 वर्षों में चक्रवात, भूकंप, बाढ़ और भूस्खलन जैसी विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण भारत को 120 अरब डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है।
एक रिपोर्ट के अनुसार अकेले 2023 में प्राकृतिक आपदाओं के परिणामस्वरूप डेढ़ करोड़ लोग प्रभावित हुए।
ग्लोबल वार्मिंग से संबंधित घटनाओं के कारण पिछले तेईस वर्षों में भारत को औसतन $5.20 बिलियन का वार्षिक नुकसान हुआ है।
एशिया वैश्विक औसत से भी अधिक तेजी से गर्म हो रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली लू की घटनाओं से भारत समेत दुनिया के कई देशों में हर साल बड़ी संख्या में मौतें भी दर्ज की जा रही हैं।
हाल की कुछ रिपोर्टों पर गौर करें तो चालू वर्ष की गर्मियों के दौरान देश में लू वाले दिनों की संख्या बढ़ने की आशंका है। चिंता जताई जा रही है कि देश के कई इलाकों में तापमान 40 डिग्री से ऊपर देखा जाएगा.
हीटवेव के परिणामस्वरूप कृषि फसलों के उत्पादन पर असर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया गया है, पिछले कुछ वर्षों से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर दुनिया भर के देश एक साथ आए हैं और ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ने की बात हो रही है। लेकिन अभी तक ठोस नतीजे देखने को नहीं मिले हैं.