देहरादून, 26 अप्रैल (हि.स.)। अटल बिहारी वाजपेई भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर के निदेशक डॉ. एस एन सिंह ने कहा कि तकनीकी क्षेत्र में कई क्रांतिकारी बदलाव आए हैं। जिन चीजों के बारे में हम पहले सिर्फ सोच सकते थे वे आज वास्तविक तौर पर बनाई जा रही हैं। तकनीक ने जीवन को सुविधाजनक बना दिया है, लेकिन साइबर क्राइम की संभावनाएं भी बढ़ा दी है।
शुक्रवार को ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित में इन्नोवेटिव सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीस फॉर एनर्जी मेकाट्रॉनिक्स एंड स्मार्ट सिस्टमस विषय पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए अटल बिहारी वाजपेई भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर के निदेशक डॉ. एस एन सिंह ने यह बातें कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि तकनीकें प्राकृतिक समस्याओं को हल करने में भी उपयोगी साबित हो रही हैं।
मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद के डॉ. आशीष कुमार सिंह ने कहा कि डिजिटल ट्विन एक ऐसा मॉडल है जो कार्बन फुटप्रिंट्स को ट्रैक करता है। इसकी मदद से कंपनियां किसी उत्पाद के पर्यावरणीय प्रभाव को 40 प्रतिशत तक काम कर सकती हैं। उन्होंने डिजिटल ट्विन की कार्यप्रणाली पर विस्तार से प्रकाश डाला।
आईआईटी कानपुर के डॉ.जे. रामकुमार ने कहा कि देश अब आत्मनिर्भर हो गया है। विभिन्न चुनौतियों का सामना करके हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से देश के विकास में योगदान देने का आह्वान किया। दो दिवसीय संगोष्ठी में आज सुविनियर का विमोचन किया गया। संगोष्ठी के पहले दिन 60 से ज्यादा शोध पत्र ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड में पढ़ें गए।
संगोष्ठी में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ.नरपिंदर सिंह, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजय जसोला, डिपार्टमेंट ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के एचओडी डॉ. मोहम्मद फहीम अंसारी, डिपार्टमेंट ऑफ़ मैकेनिकल इंजीनियरिंग के एचओडी डॉ. अश्विनी कुमार शर्मा के साथ डॉ. श्वेता गोयल, डॉ. निकिता रावत, डॉ. नितिन सौंदर्य, डॉ. सचिन शर्मा, डॉ. संदीप गुप्ता और छात्र छात्राएं भी मौजूद रहे।