लोकसभा चुनाव 2024: वाराणसी में पहली बार तीसरे मोर्चे के रूप में गठित पीडीएम यानी पिछड़ा, दलित और मुस्लिम जन सभा की बैठक शहर के नाटी इमली के बुनकर कॉलोनी मैदान में हुई. जनसभा को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विपक्षी नेताओं के साथ-साथ बीजेपी पर भी निशाना साधा. साथ ही उन्होंने माफिया मुख्तार अंसारी का भी जिक्र किया. ओवैसी ने मुख्तार अंसारी को शहीद का दर्जा दिया. इतना ही नहीं उन्होंने मंच से अतीक अहमद की हत्या पर भी सवाल उठाए. इस दौरान जनसभा में हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे.
अपने भाषण की शुरुआत में एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि यह बनारस उस्ताद बिस्मिल्लाह और तुलसीदास और गंगा जमुनी का है, मोदी का नहीं. पीडीएम न्याय के लिए बना है. उत्तर प्रदेश की राजनीति ने पिछड़े समुदायों के लिए एक विकल्प तैयार किया है. हम 50 साल से मतदाता हैं, लेकिन अब हम मतदाता रहेंगे. संघ, भाजपा, समाजवादी पार्टी या अन्य दल सिर्फ न्याय की बात करते हैं लेकिन वास्तव में उस पर अमल नहीं करते।
अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि जो (मुस्लिम) सपा के लिए अपनी जान दे रहा है, उसके पैरों में गोली (एनकाउंटर) मारी जा रही है. हमारे ही घर पर बुलडोजर चलाया जा रहा है. 10 सुरक्षाकर्मियों के साथ चल रहे पूर्व सांसद (अतीक) को किसी ने करीब से गोली मार दी, लेकिन अखिलेश ने इस सब पर एक शब्द भी नहीं कहा। समाजवादी पार्टी चाहती है कि आप अपने भाई के लिए अपनी जान दे दें. दारी पत्थर. एक समय आएगा जब अखिलेश यादव खुद अपनी सीमा लांघेंगे और आपके लिए अपनी जान भी दे देंगे.
मुख्तार का नाम लेते हुए ओवैसी ने कहा, मैं किसी के बाप से नहीं डरता. मुख्तार अंसारी एक व्यक्ति था, जिसे न्यायिक हिरासत में जहर देकर मार दिया गया था। वह एक शहीद हैं और शहीदों के बारे में कहा जाता है कि शहीदों को कभी भी मरा हुआ नहीं कहना चाहिए लेकिन वह जीवित हैं लेकिन उन्हें बचाना भाजपा सरकार की जिम्मेदारी थी और वह विफल रही है।
गौरतलब है कि मुख्तार की विसरा रिपोर्ट में जहर की पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी ने भी इस रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे. डॉक्टर के मुताबिक मुख्तार की मौत का कारण हार्ट अटैक है.
विपक्ष पर साधा निशाना
ओवैसी ने कहा, इस लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन किया है, जब से हम पीडीएम बने हैं, हमारे लोगों पर समाजवादी पार्टी और अन्य पार्टियां आरोप लगा रही हैं कि हम बीजेपी की बी टीम हैं. मैं अखिलेश यादव से पूछना चाहता हूं कि अगर वह 2014 का चुनाव हार गए तो क्या उन्होंने मोदी के साथ समझौता किया था? 2017 का विधानसभा चुनाव हार गए तो क्या उन्होंने योगी से डील की? अगर उसके बाद भी अखिलेश हार गए तो क्या इस डील पर कोई जांच होगी या आप चुनाव क्यों हारे? अखिलेश का आधा परिवार नरेंद्र मोदी के साथ बैठकर चाय पीता है.