यूरोपीय संघ के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने पाया है कि भारत आने वाले 527 उत्पादों में एथिलीन ऑक्साइड नामक कैंसर पैदा करने वाला रसायन पाया गया है। इनमें से 54 उत्पादों को जैविक के रूप में लेबल किया गया है। अगर हम इन उत्पादों की सूची देखें, तो उनमें मेवे और तिल, जड़ी-बूटियाँ और मसाले, आहार खाद्य पदार्थ और अन्य खाद्य पदार्थ शामिल हैं। एथिलीन ऑक्साइड युक्त नट्स और तिल के 313 मामले पाए गए हैं जबकि जड़ी-बूटियों और मसालों के 60 मामले पाए गए हैं। रैपिड अलर्ट सिस्टम फॉर फूड एंड फीड (आरएएसएफएफ) के आंकड़े बताते हैं कि सितंबर 2020 और अप्रैल 2024 के बीच आहार संबंधी भोजन और 34 अन्य उत्पादों के साथ 48 ऐसे मामले सामने आए।
यूरोपीय संघ ने 1991 में इस रसायन पर प्रतिबंध लगा दिया
जबकि तिल के बीज, काली मिर्च और अश्वगंधा जैसी वस्तुओं में यह जहरीला रसायन होता था, कुछ मामलों में जैविक का लेबल लगाया गया था जबकि कुछ वस्तुओं पर ऐसे लेबल लगे थे जो प्रीमियम प्रतिरक्षा बूस्टर होने का दावा करते थे। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी 87 खेपों को सीमा पर खारिज कर दिया गया और वापस भेज दिया गया, जबकि बाकी उत्पादों को बाद में बाजारों से वापस ले लिया गया। गौरतलब है कि यूरोपीय संघ ने 1991 में एथिलीन ऑक्साइड के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन आयात में वृद्धि ने अधिकारियों को सतर्कता बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने कहा कि 2020-21 में भारत सहित कई देशों से आयातित 468 वस्तुओं में एथिलीन ऑक्साइड था।