अब हर प्रत्यारोपण के लिए जनरेट करनी होगी डोनर और रिसीवर की यूनिक आईडी

जयपुर, 23 अप्रैल (हि.स.)। प्रदेश के राजकीय एवं निजी अस्पतालों में मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण में पूरी पारदर्शिता बनी रहे, इसके लिए तकनीकी उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे। प्रत्येक प्रत्यारोपण के लिए डोनर और रिसीवर की यूनिक नोटो-आईडी जनरेट की जाएगी। इसके बिना प्रत्यारोपण संभव नहीं होगा।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देश पर मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण राजस्थान की समुचित प्राधिकारी डॉ. रश्मि गुप्ता ने इस संबंध में मानव अंगों के प्रत्यारोपण के लिए अधिकृत राजकीय अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों एवं निजी अस्पतालों के प्रबंध निदेशकों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

दिशा निर्देशों के अनुसार मानव अंग और ऊतकों के प्रत्यारोपण के लिए अधिकृत राजकीय या निजी अस्पताल को प्रत्यारोपण के लिए नोटो की वेबसाइट (www.notto.mohfw.gov.in ) पर जाकर अनिवार्य रूप से यूनिक नोटो-आईडी जनरेट करनी होगी। जीवित या मृतक दोनों ही डोनर के अंगों का आंवटन करने हेतु यूनिक आईडी जनरेट करना अनिवार्य होगा। यह आईडी प्रत्यारोपण सर्जरी के 48 घंटों के भीतर जनरेट करनी होगी। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए नोटो के ऑफिस में दूरभाष नम्बर 011-26164770 एवं टोल फ्री नम्बर 1800-11-4770 पर सम्पर्क किया जा सकता है। साथ ही नोटो की ईमेल आईडी dir@notto.nic.in के माध्यम से भी जानकारी ली जा सकती है।

समुचित प्राधिकारी ने यह दिशा निर्देश सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर, न्यू हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज कोटा, एम्स जोधपुर, माथुरादास माथुर हॉस्पिटल जोधपुर तथा जयपुर के मोनीलेक हॉस्पिटल, अपेक्स हॉस्पिटल, निम्स हॉस्पिटल, नारायणा हॉस्पिटल, ईएचसीसी हॉस्पिटल, मणिपाल हॉस्पिटल, संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल हॉस्पिटल, सीके बिड़ला हॉस्पिटल, महात्मा गांधी हॉस्पिटल, फोर्टिस हॉस्पिटल एवं उदयपुर के गीतांजलि हॉस्पिटल को जारी किए हैं। इन दिशा निर्देशों की 2 दिवस में पालना कर समुचित प्राधिकारी को सूचित करना होगा।