कुमार विश्वास ने अपने-अपने राम आध्यात्मिक ऊर्जा सत्र में किया सर तन से जुदा का जिक्र

जयपुर, 23 अप्रैल (हि.स.)। दौसा के मेहंदीपुर बालाजी में ‘अपने-अपने राम’ आध्यात्मिक ऊर्जा सत्र के समापन कार्यक्रम में कुमार विश्वास ने कहा वर्तमान में दो तरह की वैचारिकी है। एक तो हम जो कह रहे हैं या किताब में लिखा है वहीं फाइनल है, के खिलाफ कुछ बोल भी दो तो सर तन से जुदा और राजस्थान के लोगों से बेहतर कौन समझ सकता है। दूसरी तरफ हम हैं कि कोई कितनी भी जिज्ञासा से सवाल पूछ सकता है। मैं किसी धर्म के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन यह सत्य है।

चुनाव में लगाते हैं जातियों का गणित

प्रसंगवश कहा कि चुनाव में अगड़े-पिछड़े के वोटों की गणित लगाई जाती है, लेकिन पूर्व में जातियां नहीं सिर्फ वर्ण व्यवस्था थी। इस बात पर दिल्ली में पढ़ाने वाला कोई विदुषक किसी से बहस करे तो कहना हम सनातन संस्कृति के वाहक हैं। भारत देश के निर्माण में अगड़ी जातियों का नहीं, बल्कि पिछडे समाज द्वारा किए गए त्याग-बलिदान से हुआ है।

घूँघट को लेकर उन्होंने कहा हमारे प्राचीन समाज में यह प्रथा कभी नहीं रही, लेकिन राजस्थान के रेगिस्तान की रेत से बचने के लिए घूँघट किया जाने लगा और बाद में पारिवारिक संस्कार से जुड़ा।

उन्होंने कहा 22 जनवरी से पहले हमें भारतीय होने पर गर्व था, लेकिन उसके बाद हमें सनातनी होने पर गर्व है। क्योंकि राम मंदिर निर्माण राष्ट्रीय गौरव का विषय है। जो लोग वर्तमान की सोचते हैं, भगवान उनके भविष्य की स्वयं चिंता करते हैं। भक्ति मार्ग से भटकने वालों के लिए हनुमानजी पथ प्रदर्शक हैं।

कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, मोती डूंगरी गणेश मंदिर के महंत कैलाश शर्मा, रामरिछपाल दास महाराज, अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास, ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष सुरेश मिश्रा समेत कई लोग मौजूद हैं।