मंडी, 23 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मु य प्रवक्ता राकेश जमवाल ने कहा कि भाजपा ने सूरत लोकसभा सीट निर्विरोध जीत कर चार सौ पार के आंकंड़े की ओर पहला कदम बढ़ा दिया है। जबकि हिमकचल प्रदेश में कांग्रेस अपने प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में उतार नहीं पाई है। जिसकी वजह से कांग्रेस पार्टी हर हओर हंसी की पात्र बन रही है।
यहां पत्रकारों से बता करते हुए जमवाल ने कहा कि कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता चुनाव लडऩे से भाग रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह पहले ही मैदान छोड़ गई कि उन्होंने सांसद रहते हुए कुछ नहीं किया जिसकी वजह से उन्होंने चुनाव लडऩे से इंकार कर दिया। उसी प्रकार हमीरपुर संसदीय सीट पर मु यमंत्री कह रहे हैं कि उप मु यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री सशक्त उ मीदवार हैं तो मुकेश अग्रिहोत्री मु यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सशक्त उ मीदवार बता रहे हैं। उसी प्रकार प्रदेश अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर को पार्टी में शामिल करने की घोषणा करती है तो हाई कमान इस पर रोक लगा देती है।
उन्होंने कहा कि गंगू राम मुसाफिर का तो वहीं हाल है मुसाफिर हूं यारा न घर है न ठिकाना…। जमवाल ने कहा कि कांग्रेस मुद्दाविहीन नज़र आ रही है। क्योंकि कांग्रेस झूठे वादे और झूठी गारंटियों के सहारे सत्ता में आई है। मगर अब कांग्रेस सरकार के पंद्रह महीनों के शासन का हिसाब जनता मांगेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार पंद्रह महीनों की उपलब्धियों को बताने के बजाय केंद्र सरकार के सिर मदद न मिलने का ठीकरा फोड़ रही है। वहीं पर प्रदेश सरकार में लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य बार-बार कह रहे हैं कि उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर करोड़ों रूपए की मदद हिमाचल के लिए लाये हैं। वे कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए 2700 करोड़ और कुल 3500 करोड़ रूपए की मदद वे केंद्र सरकार से लाए हैं।
विक्रमादित्य से मांगेंगे हिसाब
उन्होने कहा कि मंडी से कांग्रेस के प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह कंगना से आपदा में मदद का हिसाब मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंगना कोई सांसद व विधायक नहीं थी। हिसाब तो प्रतिभा सिंह को बतौर सांसद देना होगा और इन चुनावों में विक्रगमादित्य सिंह से भी हिसाब मांगेंगे कि आपने मंडी के लिए क्या लड़ाई लड़ी औरमंडी के हित में क्या काम किया है।
उन्होने कहा कि वर्तमान सरकार मंडी जिला के साथ तो लगातार भेदभाव कर रही है। पूर्व जयराम सरकार ने मंडी को सरदार पटेल विश्वविद्यालय जैसा बड़ा तोहफा दिया, पंरतु यह विश्वविद्यालय आज सुक्खू सरकार की आखों में खटक रहा है और लगातार इसको बंद करने के प्रयास किए जा रहे हैं।