हिसार, 23 अप्रैल (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति के किसानों के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान तथा उनकी क्षमता निर्माण को मजबूती प्रदान करने के लिए डिजिटल लैब की स्थापना की जाएगी। लैब की स्थापना के बाद इन किसानों को तकनीकी ज्ञान दिया जा सकेगा। कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने मंगलवार को बताया कि हरियाणा सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत 60 लाख रुपए की अनुदान राशि प्रदान की गई है।
इस लैब में किसानों को कृषि क्षेत्र से संबंधित नवीनतम तकनीकी जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। डिजिटल लैब में मौसम संबंधी, अनुदान संबंधी, फसलों में होने वाले नुकसान की जानकारी तथा फसलों में कीट आदि की जानकारी किसानों को दी जाएगी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों, विकसित किये जा रहे उन्नत किस्म के बीजों, कृषि संबंधी प्रशिक्षण इत्यादि से प्रदेश के किसानों को लाभ प्राप्त हो रहा है। यह उसी कड़ी में एक कदम है।
डिजिटल लैब परियोजना की प्रमुख अन्वेषक डॉ. रश्मि त्यागी ने बताया कि अनुसूचित जाति के किसानों को कृषि पोर्टल से जुड़ी तमाम जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके। इस लैब के माध्यम से किसानों के समक्ष आने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं का निराकरण करने में मदद मिलेगी। परियोजना में सह प्रमुख अन्वेषक डॉ. जतेश काठपालिया, डॉ. विनोद कुमारी, डॉ. जितेन्द्र भाटिया व डॉ. अतुल ढींगड़ा शामिल हैं। इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा, मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. नीरज कुमार, मीडिया एडवाइज़र डॉ. संदीप आर्य व एसवीसी कपिल अरोड़ा उपस्थित रहे।