हिसार, 23 अप्रैल (हि.स.)। ‘सिर्फ इक कदम उठा था गलत राह-ए-शौक में, मंजिल तमाम उम्र मुझे ढूंढती रही’। यानी समय रहते हमें अपने लक्ष्य के बारे में सोच लेना चाहिए और मंजिल पर पहुंचने के लिए उचित कदम उठाना चाहिए। यह बात अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत प्रोफेसर जीआर सैयद ने मंगलवार को गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग की ओर से आयोजित विशेष व्याख्यान के दौरान विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि मीडिया लेखन में अपार संभावनाएं हैं। विद्यार्थियों को अपनी रुचि के हिसाब से अपनी पहचान बनानी चाहिए। प्रोफेसर सैयद टेलीविजन के चर्चित धारावाहिक महाभारत के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग का काम कर चुके हैं। इन्होंने साहित्य अकादमी से प्रकाशित गीता का उर्दू अनुवाद भी किया है। उन्होंने पत्रकारिता के विद्यार्थियों को मीडिया लेखन के संबंध में विशेष जानकारी देते हुए कहा कि मीडिया के लिए विषय को समझना और उस पर अच्छे से शोध करके काम करना ही विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में कामयाब बना सकता है। अगर विद्यार्थी अच्छा लिखते हैं तो किसी भी फिल्म या टीवी सीरियल में काम मिलना मुश्किल नहीं।
जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मनोज दयाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया लेखन की इस कला और विद्या में शब्दों की अपनी महिमा है। जो काम घर बनाने में एक ईंट का है, वही काम लेखन में शब्दों का होता है। मीडिया लेखन में शब्दों का प्रस्तुतीकरण व आयोजन महत्वपूर्ण होता है।
विभाग के प्रोफेसर विक्रम कौशिक ने अपने धन्यवाद संबोधन में विद्यार्थियों को नए शब्दों के इस्तेमाल पर जोर दिया और अन्य भाषाओं के कुछ सुंदर शब्दों का जिक्र करते हुए विद्यार्थियों को भी अनेक भाषाओं का ज्ञान प्राप्त करने का सुझाव दिया। इस व्याख्यान में विभाग के शिक्षक डॉ. एमआर पात्र, डॉ. कुसुम लता, डॉ. भूपेंद्र सिंह, डॉ. प्रज्ञा कौशिक, अजीत सिंह व सभी शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।