किडनी खराब होने के लक्षण: किडनी या गुर्दा हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। किडनी शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकालने का काम करती है। इतना ही नहीं, यह खून को साफ करने का भी काम करता है। अगर किडनी स्वस्थ रहेगी तो शरीर के अन्य अंग भी ठीक से काम कर पाएंगे। किडनी में छोटी सी भी समस्या होने पर इसके लक्षण पैरों में नजर आ सकते हैं।
किडनी ख़राब होने के लक्षण:
पैरों में दर्द:
जब किडनी ठीक से काम करने में विफल हो जाती है, तो हमारे रक्त में विषाक्त पदार्थ और गंदगी जमा होने लगती है। इससे शरीर के सभी अंगों में रक्त की आपूर्ति ठीक से नहीं हो पाती है। शरीर के सभी अंगों तक रक्त की आपूर्ति न होने के कारण कोई भी छोटा-मोटा काम करने से भी आपको थकान होने लगती है। पैरों में दर्द होना स्पष्ट संकेत है कि किडनी ठीक से काम नहीं कर रही है।
शुष्क और खुरदरी त्वचा:
जब गुर्दे शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में असमर्थ होते हैं, तो शरीर पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन नहीं करता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और त्वचा रूखी और शुष्क हो जाती है त्वचा का ख़राब होना भी किडनी रोग का एक प्रमुख लक्षण है।
मांसपेशियों में ऐंठन:
शरीर में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन तब होता है जब किडनी ठीक से काम करने में विफल हो जाती है। इससे मांसपेशियों में ऐंठन होती है। जब शरीर में कैल्शियम का स्तर कम होता है और फास्फोरस को ठीक से नियंत्रित नहीं किया जा सकता है, तो मांसपेशियों में ऐंठन शुरू हो जाती है।
पैरों में दर्द:
जब शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं तो इसका सीधा असर पैरों पर पड़ता है। इस प्रकार पैर सूज जाते हैं। सोडियम रिटेंशन तब होता है जब किडनी ठीक से काम करने में असमर्थ हो जाती है। ऐसा होने पर पैरों में दर्द होने लगता है और सूजन भी आ जाती है।