पलामू, 17 अप्रैल (हि.स.)। मेदिनीनगर शहर के रेड़मा निवासी और झारखंड के प्रसिद्ध वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर मृत्युंजय शर्मा का बुधवार की सुबह रांची में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। दीमकों के सबसे बड़े घर की खोज करने के कारण उन्हें 2016 उन्हें लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया गया था। उन्होंने हजारीबाग के आसपास एक हजार से ज्यादा इंसेक्ट की सूची तैयार की थी। जैव विविधिता पर लिखी उनकी पुस्तक ‘स्पाइडर ऑफ झारखंड’ का विमोचन तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने खेलगांव में किया था।
मृत्युंजय शर्मा की प्रारंभिक पढ़ाई मेदिनीनगर के रोटरी स्कूल से हुई थी और उन्होंने मैंट्रिक की परीक्षा पलामू जिला स्कूल से 1983 में की थी। उनकी आगे की पढ़ाई हजारीबाग और दिल्ली में हुई। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह हजारीबाग में वन विभाग में नौकरी करने लगे। यहीं उन्होंने हजारीबाग से सौंदर्य को अपने कैमरे में कैद करना शुरू किया। उनकी खींची हुई तस्वीरें जिला समाहरणालय समेत अनेक सरकारी इमारतों में लगी हैं। 2024 में उनकी तितलियों की तस्वीर के आधार पर हजारीबाग वन विभाग का कैलेंडर तैयार किया गया था।
उनकी पत्नी कुसुमलता शर्मा अधिवक्ता हैं। पुत्री सौभाग्यम शर्मा कोरिया में भौतिकी में शोध कर रही है, जबकि पुत्र दीप दिव्यम शर्मा क्लैट में चयनित होने के बाद भोपाल में वकालत की पढ़ाई कर रहा है। शर्मा के निधन पर आइपीआरडी के उपनिदेशक आनंद कुमार, खादी विकास एवं ग्रामोद्योग आयोग के पूर्वी भारत के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह, वरिष्ठ पत्रकार प्रभात मिश्रा सुमन, अवधेश शुक्ल, झारखंड विधानसभा के उपसचिव अनूप कुमार लाल, लोहरदगा के जिला सांख्यिकी पदाधिकारी अजय कुमार पांडेय, वरिष्ठ अधिवक्ता शलभ कुमार, शैलेंद्र अग्रवाल, अमिताभ कुमार सिंह आदि ने शोक जताया है।