पलामू, 16 अप्रैल (हि.स.)। पुरानी परंपरा को कायम रखते हुए एवं गंगा-जमुनी तहजीब का परिचय देते हुए मुहर्रम इंतेजामिया कमिटी मेदिनीनगर ने मंगलवार को रामनवमी जुलूस का स्वागत करते हुए सम्मान समारोह का आयोजन किया । इस कार्यक्रम में मुहर्रम कमिटी के लोगों ने श्री महावीर नवयुवक दल (जेनरल) के अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों को स्वागत करने के बाद उन्हें सम्मानित किया।
मेदिनीनगर में हर वर्ष रामनवमी के मौके पर मुहर्रम इंतेजामिया कमिटी के द्वारा, जबकि मुहर्रम के मौके पर श्री महावीर नवयुवक दल (जेनरल) के द्वारा एक दूसरे को सम्मानित करने की परंपरा रही है। इस परंपरा से दोनों समुदाय के लोग एक दूसरे के पर्व में शामिल होते हैं और जिम्मेवारियों को बखूबी निभाते हैं। इन मौकों पर प्रशासनिक पदाधिकारियों की उपस्थिति रहती है, जो इसके गवाह बनते हैं। इस परंपरा की चर्चा पूरे झारखंड में होती है।
इसी कड़ी में मुहर्रम इंतेजामिया कमिटी के जेनरल खलीफा शहरयार अली, मुमताज खान सहित अन्य ने शहर थाना में सम्मान समारोह का आयोजन किया। यहां श्री महावीर नवयुवक दल (जेनरल) के अध्यक्ष पंकज जायसवाल के अलावा महामंत्री विकास सिन्हा, प्रभात उदयपुरी, अरविंद अग्रवाल, श्याम जी चौधरी, अविनाश कुमार राजा सहित अन्य पदाधिकारियों का स्वागत पगड़ी बांधकर, शॉल ओढाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
34 वर्ष पुरानी है परंपरा
रामनवमी और मोहर्रम के मौके पर हिंदू और मुस्लिम भाइयों को सम्मानित करने का सिलसिला 34 वर्ष से चल रहा है। जानकार बताते हैं कि सन 2000 ईस्वी में रामनवमी पूजा के जुलूस में लाल कोठ चौक पर विद्युत तार गिरने के कारण 29 राम भक्त काल कलवित हुए थे। तब मोहर्रम इंतेजामिया कमेटी द्वारा सहानुभूति दिखाते हुए मोहर्रम नहीं मानने का फैसला लिया गया था। शहर में आपसी सद्भाव एवं शांति का वातावरण बना रहे इसके लिए दोनों पक्षों के लोगों ने प्रशासन का भरपूर सहयोग किया। जिस कारण आज भी डालटनगंज शहर में हिंदू-मुस्लिम एकता मिसाल कायम किए हुए हैं।
उस समय शहर की तत्कालीन उपायुक्त अमित पाल, आरक्षी अधीक्षक निर्मल कुमार आजाद, सदर अनुमंडल पदाधिकारी भवानी प्रसाद एवं शहर थाना प्रभारी आलोक कुमार सिन्हा ने शहर के लोगों को धन्यवाद कहा था। उसे समय झारखंड बिहार का हिस्सा होता था। तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्याम रजक ने दुर्घटना स्थल का जायजा लिया था और पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की थी। उन्होंने पीड़ित परिवार के आश्रित को बिजली विभाग में नौकरी भी दी थी। प्रभावित परिवार के कई लोग आज भी नौकरी में हैं, जबकि कई रिटायर हो गए।
रामनवमी पूजा में महावीर नवयुवक दल जेनरल द्वारा पुरस्कार वितरण की शुरुआत 1990 में तत्कालीन कमेटी में शामिल पत्रकार सुरेंद्र सिंह रूबी, बसंत जोहरी, प्रमोद माखड़िया, महेश तिवारी के प्रयास से उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक कपिल देव सिंह एवं एसडीओ लक्ष्मीकांत द्वारा शुरुआत हुई थी। यही परंपरा आज भी चल रही है। हर साल रामनवमी के अवसर पर जुलूस का स्वागत मोहर्रम इंतेजामिया कमेटी करती है, जबकि मोहर्रम के मौके पर इसी तरह की परंपरा केंद्रीय रामनवमी समिति महावीर नवयुवक दल जेनरल करता है। दोनों समुदाय एक दूसरे को पगड़ी बांधकर सम्मानित करते हैं और मिल्लत के साथ पर्व संपन्न करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं। रामनवमी और मोहर्रम के जुलूस की यह परंपरा पूरे झारखंड में चर्चित है।