देहरादून, 13 अप्रैल (हि.स.)। जलीयांवाला बाग कांड ने सुधारवादी गांधी को क्रांतिकारी गांधी में परिवर्तित कर दिया और उसका परिणाम यह हुआ कि महात्मा गांधी के मन मस्तिष्क में पूर्ण स्वराज की मांग का बीज रोपित हो गया।
शनिवार की शाम जलीयांवाला बाग कांड की 105वीं बरसी पर कांवली में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने यह बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि जलीयांवाला बाग कांड से पहले महात्मा गांधी और कांग्रेस भारतीयों को अंग्रेजों से रियायत एवं नागरिक अधिकार दिलवाने के लिए पैरवी एवं लड़ाई लड़ते थे। रॉयल्ट एक्ट के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के महात्मा गांधी के आह्वान पर अमृतसर के जलीयांवाला बाग में हुए इस विभत्स कांड निहत्ते लोगों पर बरसाई गयी गोलियों से हुए नरसंहार से महात्मा गांधी अंदर तक हिल गए और उनके अंदर यह भावना ने जन्म ले लिया।
उन्होंने कहा कि वे सैकड़ों हजारों लोग जिनमें से अधिकांश के नाम हमको व आज की पीढ़ियों को नहीं पता ये उनकी कुर्बानियों का नतीजा है कि हम आज आजाद देश में सांस ले रहे हैं, इसलिए हम सब का कर्तव्य है कि हम देश की आजादी व लोकतंत्र को अक्षुण्ण रखने के लिए सब संकल्प लें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता ओएनजीसी के पूर्व अधिकारी राजेन्द्र सिंह राज और संचालन अवधेश कथीरिया ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोगों ने शहीद नाथूराम धोबी के चित्र पर माल्यार्पण किया।