एमडीएम हॉस्पिटल में गर्दन की दुर्लभ गांठ की जटिल सर्जरी

जोधपुर, 13 अप्रैल (हि.स.)। मथुरादास माथुर अस्पताल में एक महिला के गर्दन में बनी अति दुर्लभ गांठ की जटिल सर्जरी की गई है।

एक महिला गर्दन के बाएं हिस्से में गांठ की शिकायत के साथ सह आचार्य एवं यूनिट प्रभारी डॉ. दिनेश दत्त शर्मा की यूनिट में भर्ती हुई। मरीज ने बताया कि उसके यह गांठ पिछले करीब पांच सालों से है और धीरे-धीरे इसकी साइज बढ़ रही है जिसकी वजह से गर्दन एवं कन्धे में दर्द, भारीपन, खाना खाने में दिक्कत, चक्कर आना तथा गर्दन में एक विशेष प्रकार की चुभन का महसूस होता है लेकिन गले में कैंसर के डर की वजह से वह कहीं भी इलाज नहीं करवा पाई। मरीज की जांच करने पर पता लगा कि यह दुर्लभ प्रकार की गांठ है, जो एक्सियल श्वान्नोमा का ही रूप है जिसे वेगल श्वानोंमा कहा जाता है। गर्दन में यह गांठ लगभग 20 से 50 लाख जनसंख्या में एक जने के होती है। इस प्रकार की गांठे शरीर की नर्व से निकलती है जिसकी वजह से दर्द जैसी समस्या ज्यादा होती है।

गर्दन की जटिल जगह पर थी गांठ

डॉ. दिनेश दत्त शर्मा ने बताया कि जांच में पता लगा कि यह गांठ गर्दन के बहुत ही जटिल जगह पर स्थित थी। यह गांठ कॉमन केरौटेड आर्टरी और इंटरनल केरौटेड, एक्सटर्नल केरौटेड आर्टरी के जंक्शन तथा दोनों के बीच की स्थिति होती है तथा इसके पास में अन्य वाइटल स्ट्रक्चर्स इंटरनल जुगुलर वेंन, सिंपैथेटिक ट्रंक इत्यादि होते हैं जिसकी वजह से वेगल श्वानोंमा का ऑपरेशन करना बहुत ही जटिल हो जाता है। साथ ही इसके ऑपरेशन के पश्चात आवाज चेंज होना और वोकल कोर्ड पैरालिसिस होने का खतरा भी बहुत ज्यादा होता है लेकिन इस कठिन ऑपरेशन को सफलतापूर्वक मथुरादास माथुर अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. दिनेश दत्त शर्मा एवं उनकी टीम ने अंजाम दिया। ऑपरेशन में गांठ तक पहुंचने के लिए गांठ के आसपास के वाइटल स्ट्रक्चर्स को बड़ी सावधानी से अलग किया गया ताकि मरीज के साथ किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके और सर्जरी से होने वाले कॉम्प्लिकेशन रोके जा सके। ऑपरेशन के पश्चात मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है और आराम से बातचीत कर रहा है।