सूर्यदेव ने किया रामलला के माथे पर तिलक, देखें सफल परीक्षण का अद्भुत वीडियो

अयोध्या: सरयू तट पर स्थित रामलला के मंदिर के भव्य उद्घाटन के बाद भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. वहीं, रामनवमी उत्सव को लेकर अयोध्या में जोरों-शोरों से तैयारियां की जा रही हैं. इसी क्रम में रामलला के माथे पर सूर्य तिलक की भी तैयारी की जा रही है. इसके लिए वैज्ञानिकों की कई टीमें इस परीक्षण में जुटी थीं कि रामनवमी के दिन रामलला के माथे पर सूर्य तिलक कैसे लगाया जा सकता है. आज इसका सफल परीक्षण किया गया है और इसका वीडियो भी सामने आया है.

टेस्ट का वीडियो आया सामने

सूर्य तिलक के परीक्षण के दौरान लिए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि सूर्य की सीधी किरणें रामलला के माथे पर पड़ रही हैं. सूर्य की ये किरणें ऐसी चमक रही हैं, मानो स्वयं सूर्य देव भगवान रामलला को तिलक लगा रहे हों. वीडियो में सूर्य तिलक का ये पल अद्भुत लग रहा है. आपको बता दें कि राम मंदिर का गर्भगृह इस तरह से बनाया गया है कि रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें रामलला के मस्तिष्क पर पड़ती हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कहना है कि जब मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा और शिखर बन जाएगा तो शिखर पर एक उपकरण लगाकर हर रामनवमी पर भगवान राम का सूर्य तिलक किया जाएगा, लेकिन इसके लिए भक्तों को अभी इंतजार करना होगा. लंबे समय तक।

 

राम मंदिर में पहली बार मनाई जा रही रामनवमी

उनका कहना है कि प्रयास किया जा रहा है कि इस बार भी रामनवमी पर सूर्य तिलक किया जा सके. हालाँकि अभी तक शिखर का निर्माण नहीं हुआ है, लेकिन यह उपकरण मंदिर की पहली मंजिल पर रखा गया है और रामनवमी पर दोपहर 12 बजे भगवान राम की मूर्ति के मस्तिष्क पर सूर्य तिलक कराने की तैयारी चल रही थी। इस काम में रूड़की के वैज्ञानिकों को लगाया गया था, जिसमें अब सफलता मिल गई है. आपको बता दें कि रामनवमी के मौके पर अयोध्या में राम मंदिर में 20 घंटे तक दर्शन की सुविधा उपलब्ध रहेगी. यह व्यवस्था 15 से 17 अप्रैल तक रहेगी.

श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्था

रामनवमी के मौके पर अयोध्या में 100 जगहों पर एलईडी स्क्रीन पर लाइव प्रसारण किया जाएगा. रामलला के राग भोग और श्रृंगार में सुबह, दोपहर और रात में करीब 4 घंटे का समय लगता है. इसके अलावा 20 घंटे तक दर्शन की व्यवस्था रहेगी. भक्तों को सलाह दी गई है कि वे अपने मोबाइल फोन, जूते और अन्य सामान अपने साथ रखकर मंदिर आएं। राम जन्मभूमि पथ से मंदिर परिसर तक श्रद्धालुओं के लिए 50 स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था की जाएगी. जूट का कालीन बिछाया जाएगा। छाया के लिए जर्मन हैंगर लगाए जा रहे हैं। प्रसाद के साथ श्रद्धालुओं को ओआरएस घोल भी दिया जायेगा, ताकि गर्मी में उन्हें ऊर्जा मिल सके. रामनवमी के अवसर पर 15 से 18 अप्रैल तक पास व्यवस्था रद्द रहेगी.