इंदौर, 12 अप्रैल (हि.स.)। इंदौर जिले में नागरिकों विशेषकर युवाओं को नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिए नशा मुक्ति का विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत जन जागृति पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। नशे से मुक्ति दिलाने के लिए अन्य विशेष प्रयास भी अभियान के तहत किए जाएंगे। यह अभियान जिला प्रशासन, पुलिस और स्वयंसेवी संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जाएगा।
यह जानकारी शुक्रवार को यहां कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में दी गई। बैठक में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अमित सिंह, जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन, सामाजिक न्याय विभाग की संयुक्त संचालक सुचिता बेक तिर्की सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी और नशा मुक्ति से जुड़ी हुई स्वयंसेवी संस्थाओं/संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे।
बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि संयुक्त प्रयासों से नशा मुक्ति के इस अभियान को परिणाम मूलक बनाया जाएगा। नशा मुक्ति की यह लड़ाई लंबी जरूर है परंतु इसमें सफलता जरूर प्राप्त की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभियान के अंतर्गत स्कूल एवं कॉलेज में जागरूकता की गतिविधियां लगातार आयोजित की जाएगी। विद्यार्थियों को जागरूक बनाने के लिए एक स्थाई जागरूकता केंद्र भी बनाया जाएगा। अभियान में जागरूकता के अलावा मॉनिटरिंग, इंप्लीमेंट एवं एनफोर्समेंट पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अमित सिंह ने कहा कि ड्रग बेचने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सूचना तंत्र को मजबूत बनाया जा रहा है। अभियान के माध्यम से हमारा प्रयास होगा कि ड्रग की डिमांड को कम किया जाए। ड्रग के उपयोग को हतोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि अभियान के अंतर्गत नशा मुक्ति के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएंगे। अभियान में नशे के आदी लोगों की पहचान कर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के प्रयास होंगे।
बैठक में नशा मुक्ति के संबंध में कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी गई। बैठक में जानकारी दी गई कि इंदौर में नशा मुक्ति के लिए 11 संस्थाओं का संचालन स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है। बैठक में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा नशा मुक्ति के लिए तैयार की गई विभागीय कार्य योजना के संबंध में बताया गया। जानकारी दी गई कि नशा मुक्ति परामर्श केंद्र का प्रभावी रूप से संचालन किया जाएगा। बाल नशा मुक्ति केंद्र का संचालन भी होगा। स्कूल एवं कॉलेज स्तर पर नशा मुक्ति कमेटी का गठन किया जाएगा। शिक्षकों को जन जागरूकता के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। बैठक में स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से अभियान को प्रभावी बनाने के लिए सुझाव भी लिए गये।