पूर्णिया, 11अप्रैल (हि. स.) हर वर्ष धूमधाम से मनाए जाने वाले आदिवासियों के मुख्य तथा महान पर्व सरहुल बहा पूजा के अवसर पर फिर से आज राजेंद्र बाल उद्यान में जमघाट लगी। हजारों की संख्या में लोग उमर पड़े। सुख और संपन्नता के लिए मनाया जाने वाला यह पर्व सरहुल बाहा पूजा स्थानीय राजेंद्र बाल उद्यान और पूर्णिया आदिवासी विकास परिषद कार्यालय के प्रांगण में मनाया गया। यह आयोजन पूर्णिया आदिवासी विकास परिषद के तत्वाधान में हर बार किया जाता है और इस बार भी धूमधाम से यह पर्व मनाया गया।
इस पूजा में अलग अलग गांवों से आदिवासी नृत्यमंडली पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ पूजा में शामिल हुए। प्राकृतिक शक्ति सरना चाला आयो की पूजा अर्चना करने के बाद मांदर एवं नगाड़े के साथ ढोल और नगाड़े के साथ नृत्य किया गया ।
बताते चले की इस सरहुल पूजा के अवसर पर यहां एक मेले के जैसी भीड़ हो जाती है । बहुत सारे लोग यहां इस कार्यक्रम को देखने आते हैं।आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष विजय उरांव ने बताया कि इस अवसर पर प्रकृति की पूजा की जाती है। प्राकृतिक शक्ति चाला आयो से प्रार्थना की जाती है कि जिस तरह प्रकृति पुराने पत्तों को हटा कर नए पत्तों एवं नव जीवन,उत्साह, उमंग, खुशहाली एवं उन्नति भरती है। उसी तरह मनुष्यों के जीवन में भी यह खुशहाली प्रकृति भर दे।
उन्होंने कहा कि हमारा समाज इस पूजा को बहुत ही बेहतरीन ढंग से मनाने का प्रयास करता है। हम सबों को तब और खुशी होती है जब बहुत सारे अन्य समाज के लोग इसे देखने आते हैं। पूजा के समाप्ति के बाद खिचड़ी के प्रसाद का वितरण किया जाता है जिसे सभी महिला पुरुष तथा बच्चे ग्रहण करते हैं। इस पूजा और मेले को सफल बनाने में पूजा समिति के अध्यक्ष ,उपाध्यक्ष,कोषाध्यक्ष, संगठन मंत्री, एवं सैकड़ो आदिवासी समाज के लोग मौजूद थे।
इस खास अवसर पर लगभग 8 वर्षों से श्रीराम सेवा संघ परिवार द्वारा हजारों लोगों को पानी पिलाने की व्यवस्था की जाती है जिसमें 30 से 40 कार्यकर्ता लगातार मेहनत कर सभी को पानी पिलाते हैं। आदिवासी समुदाय के लोगों ने श्रीराम सेवा संघ को आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह हमारे समाज के लिए सम्मान का विषय है कि यह सभी लोग इस मौके पर पानी पिलाने का काम करते हैं।