कानपुर, 09 अप्रैल(हि.स.)। उप्र के किसानों की आय बढ़ाने के लिए मंगलवार को जापानी कंपनियों द्वारा विकसित तकनीकों के आधार पर मॉडल परियोजना के लिए चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर और जापान के प्रतिनिधि मण्डल के साथ एक समझौता पर हस्ताक्षर किया गया। यह जानकारी विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ.खलील खान ने दी।
उन्होंने बताया कि कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि तकनीकी टिकाऊ होनी चाहिए, वातावरण को हानि न पहुंचाने वाली हो, कम खर्चीली तथा प्रति इकाई क्षेत्रफल पर अधिकतम शुद्ध लाभ दे सके ऐसी तकनीक को प्रदर्शित किया जाए।
जापानी प्रतिनिधिमंडल के साको नोडो का जापान ने बताया कि विश्वविद्यालय की कार्य क्षेत्र के अंतर्गत दलीप नगर के वी के प्रक्षेत्र पर विभिन्न जापानी कंपनियों द्वारा विकसित तकनीकों को प्रदर्शित किया जाएगा। तथा तकनीकी का स्थानीय परिस्थिति के अनुरूप पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जब तकनीकी उत्तर प्रदेश की जलवायु एवं मिट्टी के अनुरूप सफल हो जाएगी। तब उसे विश्वविद्यालय के प्रक्षेत्र पर विस्तारित किया जाएगा तथा बाद में व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से किसानों के खेतों तक भी पहुंचाया जाएगा।
कार्यक्रम में शिमादा मित्सू निदेशक दक्षिण एशिया ने बताया गया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को शुद्रण करना होगा।जापानी प्रतिनिधि मंडल में ओता मसामी भारत में जापानी दूतावास के अधिकारी, एवं अमन जापान विकास कंपनी कुबोता द्वारा कहा गया कि परियोजना के कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने के लिए एक वर्किंग ग्रुप बनाया जाएगा। जिसमें जापान तथा जापानी कंपनी के प्रतिनिधि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक तथा उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे। जो कार्य योजना बनाने के साथ-साथ समय-समय पर भविष्य की रणनीति तय करते रहेंगे।
सीएसए के कृषि,वन एवं मत्स्य मंत्रालय जापान तथा उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन हस्ताक्षरित करार (MOU) के अंतर्गत आज मॉडल परियोजना हेतु जापानी प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने सीएसए परिसर का दौरा किया। जिसमें हस्ताक्षरित करार को आगे क्रियान्वयन हेतु विस्तार से चर्चा हुई। जिसमें जापानी प्रतिनिधिमंडल के साथ-साथ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह द्वारा प्रतिभाग किया गया।
बैठक के उपरांत कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर के प्रक्षेत्र का सभी प्रतिनिधियों द्वारा भ्रमण किया गया। तथा और चिह्नित भूमि पर जाकर तकनीकी दृष्टिकोण से आगे के कार्यक्रम के बारे में चर्चा हुई। इस अवसर पर निदेशक प्रसार डॉक्टर आर के यादव तथा निदेशक शोध डॉ पीके सिंह सहित केन्द्र के सभी वैज्ञानिक उपस्थित रहे।