आसियान देशों में तैनात ‘समुद्र पहरेदार’ ने ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर लंगर डाला

नई दिल्ली, 09 अप्रैल (हि.स.)। आसियान देशों में तैनाती के हिस्से के रूप में भारतीय तटरक्षक का प्रदूषण नियंत्रण पोत ‘समुद्र पहरेदार’ मंगलवार को ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंच गया है। आसियान देशों में आईसीजी के विशेष पोत की यह यात्रा समुद्री प्रदूषण के लिए भारत आसियान पहल के अनुसरण में है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्ष 2022 में कंबोडिया में आसियान रक्षा मंत्री प्लस बैठक के दौरान इसकी घोषणा की थी।

तीन दिवसीय यात्रा के दौरान आईसीजीएस समुद्र पहरेदार का दल समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया, समुद्री खोज और बचाव, समुद्री कानून प्रवर्तन पर ध्यान केंद्रित करते हुए पेशेवर बातचीत करेगा। इसके अलावा अन्य गतिविधियों में क्रॉस-डेक प्रशिक्षण, विषय वस्तु विशेषज्ञ आदान-प्रदान और ब्रुनेई समुद्री एजेंसियों के साथ खेल कार्यक्रम शामिल हैं। इस यात्रा का उद्देश्य न केवल भारतीय तटरक्षक बल और ब्रुनेई समकक्षों के बीच संबंधों को मजबूत करना है बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ की अवधारणा का समर्थन करते हुए भारत की जहाज निर्माण क्षमताओं का प्रदर्शन करना भी है।

इसके अलावा आईसीजीएस समुद्र पहरेदार पर सवार राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के 25 कैडेट्स सरकार की पहल ‘पुनीत सागर अभियान’ में योगदान करते हुए स्थानीय युवा संगठनों के सहयोग से समुद्र तट सफाई गतिविधियों में भाग लेंगे। यह विदेशी तैनाती द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और विदेशी मित्र देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की भारतीय तटरक्षक बल की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

मुआरा बंदरगाह से पहले आईसीजीएस समुद्र पहरेदार ने आसियान क्षेत्र में राजनयिक समुद्री गतिविधियों की निर्बाध निरंतरता का प्रदर्शन करते हुए वियतनाम और फिलीपींस का दौरा किया। आसियान क्षेत्र में आईसीजीएस समुद्र पहरेदार की तैनाती समुद्री प्रदूषण के प्रति भारत की साझा चिंता और संकल्प को दर्शाती है। समुद्री सहयोग के माध्यम से समुद्री सुरक्षा और संरक्षा को बढ़ावा देना क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास, एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडो पैसिफिक विजन में समाहित भारत के समुद्री विजन को भी दर्शाता है।