चीन लगातार भारतीय सीमा पर अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर दे रहा है। लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीन ने हॉटन एयरबेस पर नया रनवे बनाया है, जिसे चालू भी कर दिया गया है. माना जा रहा है कि चीन इस रनवे का इस्तेमाल सैन्य गतिविधियों के लिए करेगा, क्योंकि पुराने रनवे का इस्तेमाल सिविल सेवा और सैन्य गतिविधियों के लिए किया जाता था। हॉटन एयरबेस पर बने नए रनवे की लंबाई 3700 मीटर है। ओपन सोर्स विश्लेषक डेमियन साइमन ने रनवे की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं।
चार साल बाद इस नए रनवे को परिचालन में लाया गया
दरअसल, 2020 में गलवान हिंसा में 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे, अमेरिका ने सैटेलाइट तस्वीरें जारी कर करीब 40 चीनी सैनिकों के मारे जाने की खबर दी थी. इस संघर्ष के बाद ही चीन ने हॉटन एयरबेस पर नए रनवे का निर्माण शुरू किया। करीब चार साल बाद यह नया रनवे चालू हुआ है। चीन का ये एयरबेस भारत से काफी करीब है. नए रनवे के निर्माण के बाद अब हॉटन एयरबेस पर दो रनवे चालू हो गए हैं।
चीन का नया रनवे 3700 मीटर लंबा है
हॉटन एयरबेस पर चीन का नया रनवे 3700 मीटर लंबा है, जबकि पुराना रनवे 3200 मीटर लंबा था। माना जा रहा है कि नए रनवे का इस्तेमाल सिर्फ सैन्य इस्तेमाल के लिए किया जाएगा। वहीं, रनवे की लंबाई अधिक होने के कारण चीन इस पर छोटे लड़ाकू विमानों के साथ-साथ बड़े सैन्य विमान भी उतार सकता है, जिससे भारतीय सीमा पर चीनी सेना को काफी मजबूती मिलेगी। चीन ने हॉटन एयरबेस पर पहले से ही कई लड़ाकू विमान और डिफेंस सिस्टम तैनात कर रखे हैं। लेह से हॉटन एयरबेस की दूरी 382 किमी है, यह चीन का दोहरे उद्देश्य वाला एयरबेस है। चीन इसका उपयोग सिविल सेवा के लिए भी करता है। चीन ने हॉटन एयरबेस के पास सेना के लिए इमारतें भी बनाई हैं।
होटन चीन का सबसे बड़ा एयरबेस है
होटन भारतीय सीमा के पास चीन का सबसे बड़ा एयरबेस है। चीन ने इस एयरबेस पर पहले से ही लड़ाकू विमान, पूर्व चेतावनी देने वाले AWACS विमान और वायु रक्षा इकाइयां तैनात कर रखी हैं। चीन ने हॉटन एयरबेस पर J-20 फाइटर जेट, शेनयांग J-8 इंटरसेप्टर विमान, शानक्सी Y-8G और KJ-500 AWACS सिस्टम तैनात किए हैं। ऐसे में चीनी लड़ाकू विमान हॉटन एयरबेस से आसानी से उड़ान भर सकते हैं और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के आसपास हवाई गश्त कर सकते हैं।