उज्जैन, 08 अप्रैल (हि.स.)। मंदिरों की नगरी में पर्व और त्यौहार का उल्लास है। सोमवती अमावस्या पर्व पर सोमवार सुबह उज्जैन में पर्व स्नान हुआ। शिप्रा में स्नान के लिए देशभर से आये लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। प्राचीन सोमतीर्थ पर भी फव्वारे लगाकर स्नान की व्यवस्था की थी, जहां श्रद्धालुओं ने विशेष मान्यताओं के चलते स्नान किया। स्नान-पूजन के लिए भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिप्रा के तट पहुंचे।
सोमवती अमावस्या शिप्रा के रामघाट तथा सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड में स्नान के बाद श्री सोमेश्वर महादेव के दर्शन का विधान है। मान्यता है सोमवती अमावस्या पर तीर्थ स्नान के बाद भगवान सोमेश्वर महादेव के दर्शन करने से अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है। साथ ही जन्म पत्रिका में मौजूद चंद्रमा के दोष समाप्त होते हैं।
52 कुंड में स्नान
भूतड़ी अमावस्या पर प्रेतबाधा से निवृत्ति के लिए केडी पैलेस स्थित शिप्रा के 52 कुंड में स्नान का महत्व है। मान्यता है बावन कुंड में स्नान तथा पूजा पाठ कराने से वायव्य दोष का निवारण होता है। जिन्हें प्रेत बाधा हो, वे इससे मुक्त हो जाते हैं। प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में लोग अपने स्वजन को प्रेतबाधा से मुक्ति दिलाने के लिए यहां स्नान कराने लेकर आते हैं। रविवार को चौदस और सोमवार को अमावस्या पर बड़ी संख्या में लोग 52 कुंड पहुंचे थे।
घाटों पर सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था
सोमवती अमावस्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के स्नान करने आने को लेकर शिप्रा नदी के रामघाट, भूखी माता, गऊघाट, सिद्धवट, सोमतीर्थ, मंगलनाथ, केडी पैलेस सहित शिप्रा के विभिन्न घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए थे। घाट पर एसडीईआरएफ एवं होमगार्ड के जवानों की टीम तैनात रही।
सिद्धवट : दुग्धाभिषेक, पितरों को तर्पण
चैत्र मास की चतुर्दशी तिथि पर पितरों की शांति के लिए रविवार को हजारों लोगों ने सिद्धवट पहुंचकर शिप्रा नदी में स्नान के बाद भगवान सिद्धनाथ का पूजन-अर्चन कर दुग्धाभिषेक किया। वहीं शिप्रा तट के घाट पर पितरों की शांति के लिए तर्पण कार्य किए। पितरों के मोक्ष और शांति के लिए देशभर के हजारों श्रद्धालु चतुर्दशी और अमावस्या पर यहां पहुंचते हैं। सुबह से श्रद्धालुओं की कतार सिद्धवट पर लग चुकी थी। लोगों ने शिप्रा नदी में स्नान के बाद सिद्धनाथ भगवान का पूजन कर पितरों के निमित्त धार्मिक अनुष्ठान, तर्पण, कर्मकांड भी कराया। बड़ी संख्या में श्रद्धालु सिद्धवट पहुंचे थे, जिसके कारण दिनभर रास्ते जाम होने की स्थिति बनी रही।