सुकमा, 08 अप्रैल (हि.स.)। भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में पूरा देश श्रीराम मंदिर के बनने और श्रीरामलला के विराजमान होने पर उत्सव की तरह मना रहा है। वहीं नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के चिंतलनार थाना क्षेत्र अंतर्गत केरलापेन्दा एक ऐसा भी गांव है, जहां 21 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद नक्सलियों के द्वारा बंद कराए गए भगवान श्रीराम के मंदिर के कपाट इलाके में कैंप स्थापित होने के बाद सीआरपीएफ के जवानों की मदद से पुन: खोला गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुकमा जिले के चिंतलनार थाना क्षेत्र के केरलापेन्दा गांव में कुछ लोगों ने बताया भगवान श्रीरामजी का मंदिर यहां कई वर्षों पहले बनाई गई थी। मंदिर कब और किसने बनवाया यह जानकारी तो ग्रामीण नहीं दे पाए। लेकिन साल 2003 के आस-पास नक्सलियों ने उक्त मंदिर को बंद करने का फरमान सुना दिया था। कुछ ग्रामीणों ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि नक्सलियों के कहने के बाद से तकरीबन 21 वर्षों से मंदिर को बंद रखा गया। पर गांव के ही एक परिवार के सदस्य रोजाना मंदिर के बाहर नक्सलियों से नजर बचाकर पूजा अर्चना करते रहे। हाल ही में सीआरपीएफ और सुकमा पुलिस द्वारा केरलापेन्दा से लगे लखापाल में नया कैम्प खोला है।
सुरक्षाबलों के कैम्प खोलने के बाद जवान ग्रामीणों से उनका हाल-चाल जानने पहुंचे थे। इसी बीच ग्रामीणों ने सीआरपीएफ जवानों को मंदिर के बारे में बताया और मंदिर को फिर से खोलने का आग्रह किया। जिसके बाद सीआरपीएफ 74वीं बटालियन के जवानों ने सोमवार को मंदिर परिसर में ही ग्रामीणों के लिए मेडिकल कैम्प लगाया और इसी दौरान भगवान श्रीराम के मंदिर की साफ सफाई भी करवाई गई। जवानों के साथ गांव के ग्रामीण भी मंदिर की सफाई में शामिल हुए और मंदिर की सफाई कर मंदिर के कपाट खोले गए। जिसके बाद ग्रामीणों ने मंदिर में सामूहिक रूप से पूजा अर्चना भी की और सीआरपीएफ के मेडिकल कैम्प में इलाज करा दवाइयां भी ली।